Himachal Breaking News : शादी के बंधन में बंधे हिमाचल के कैबिनेट मंत्री

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Himachal Breaking News : शादी के बंधन में बंधे हिमाचल के कैबिनेट मंत्री
Himachal Breaking News : शादी के बंधन में बंधे हिमाचल के कैबिनेट मंत्री

पंजाब की डॉ. अमरीन कौर से चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित गुरुद्वारे में हुए आनंद कारज

Himachal Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़/शिमला : हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह आज सिख रीति रिवाज के अनुसार शादी के बंधन में बंध गए। उनकी शादी पंजाब की सिख युवती अमरीन कौर के साथ हुई। सोमवार को इन दोनों के आनंद कारज की रस्म चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित गुरुद्वारे में पूरी हुई। ज्ञात रहे कि इस दौरान दोनों ने पारंपरिक परिधान पहने हुए थे। वहीं शादी में बेहद करीबी रिश्तेदारों को ही आमंत्रित किया गया था। विक्रमादित्य ने शेरवानी, जबकि अमरीन ने लहंगा पहन रखा था।

आज ही वापस शिमला लौटेंगे

गुरुद्वारे में शादी की रस्में बेहद सादगी से पूरी हुईं। इसमें दोनों तरफ से सिर्फ करीबी रिश्तेदार और दोस्त शामिल हुए। विक्रमादित्य के साथ उनकी मां प्रतिभा सिंह, बहन-बहनोई और कुछ दोस्त मौजूद रहे। आनंद कारज के बाद सभी लोग लंच के लिए ललित होटल गए। जहां वह लंच करने के बाद पत्नी अमरीन के साथ शिमला लौटेंगे। शिमला के होली लॉज में वधू प्रवेश का कार्यक्रम होगा।

दोनों में पिछले करीब 9 साल से है दोस्ती

राजनीति में आने से पहले विक्रमादित्य का चंडीगढ़ आना-जाना लगा रहता था। इसी दौरान उनकी अमरीन से दोस्ती हुई। यह दोस्ती करीब 8-9 साल पुरानी बताई जाती है, जो अब शादी में बदल गई है। मंत्री विक्रमादित्य सिंह की यह दूसरी शादी है। पहली पत्नी से तलाक हो चुका है। अमरीन कौर, सरदार जोतिंद्र सिंह सेखों और ओपिंद्र कौर की बेटी हैं। वह पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में साइकोलॉजी की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।

विक्रमादित्य का राजनीतिक सफर

17 अक्टूबर 1989 को विक्रमादित्य सिंह का जन्म हुआ। वो अपने पिता वीरभद्र सिंह की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। वो कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। फिलहाल वो शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वो मंत्रिमंडल में लोक निर्माण और शहरी विकास विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। साल 2024 में उन्होंने मंडी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरकर अभिनेत्री से नेता बनीं कंगना रनौत को चुनौती दी थी, लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

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