Surya Grahan 2025, आज समाज, नई दिल्ली: 2025 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण कल, 21 सितंबर को लगेगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, सूर्य ग्रहण को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और अक्सर इसका अशुभ प्रभाव पड़ता है। हालाँकि यह ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और भारत में दिखाई नहीं देगा, फिर भी इसका लोगों के जीवन और दुनिया भर में प्रभाव पड़ सकता है।
यह ग्रहण एशिया, अफ्रीका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के कुछ क्षेत्रों से दिखाई देगा। हालाँकि यह भारत में नहीं देखा जा सकेगा, फिर भी ज्योतिषियों का मानना है कि इसका ब्रह्मांडीय प्रभाव सभी राशियों को प्रभावित करेगा—विशेषकर मिथुन राशि को, क्योंकि यह ग्रहण इसी राशि में पड़ रहा है।
मिथुन राशि पर प्रभाव
स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है
मिथुन राशि के जातकों को इस दौरान ऊर्जा में कमी का अनुभव हो सकता है। थकान, सिरदर्द और तनाव संबंधी स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। जो लोग पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और ज़्यादा मेहनत करने से बचना चाहिए।
भावनात्मक संवेदनशीलता और चिंता
ग्रहण की ऊर्जा भावनाओं को बढ़ा सकती है। मिथुन राशि के लोग छोटी-छोटी बातों पर ज़रूरत से ज़्यादा सोच सकते हैं या चिंतित हो सकते हैं। जल्दबाज़ी में या भावनात्मक दबाव में लिए गए फ़ैसलों से पछताना पड़ सकता है। पारिवारिक और व्यक्तिगत रिश्तों में संवेदनशीलता बढ़ेगी—छोटी-छोटी बातें उदासी या मनोदशा में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकती हैं।
क्रोध और अहंकार से सावधान रहें
ग्रहण के दौरान स्वभाव को नियंत्रित करने में चुनौतियाँ आ सकती हैं। क्रोध से प्रेरित फ़ैसले या बहस निजी और पेशेवर जीवन दोनों में दरार पैदा कर सकते हैं। कार्यस्थल या व्यवसाय में एक छोटी सी असहमति बड़े संघर्ष में बदल सकती है। अहंकार के टकराव से आपके आस-पास के लोग आपसे दूर हो सकते हैं, इसलिए सलाह दी जाती है कि शांत रहें और बातचीत में संयम बरतें।
सूर्य ग्रहण 2025 का समय (भारतीय मानक समय)
दिनांक: 21 सितंबर 2025 (रविवार)
प्रारंभ समय: रात 11:00 बजे IST
अधिकतम समय: सुबह 1:11 बजे IST (22 सितंबर)
समाप्ति समय: सुबह 3:23 बजे IST (22 सितंबर)
अवधि: 4 घंटे से अधिक