
Satara Woman Doctor Suicide : महाराष्ट्र के सतारा ज़िले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला डॉक्टर ने एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर पर बलात्कार और उत्पीड़न का आरोप लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस को पीड़िता के हाथ पर लिखा एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने पुलिस सब-इंस्पेक्टर का नाम लिया है और पिछले चार महीनों में अपने साथ हुए दुर्व्यवहार का ब्यौरा दिया है।
मृतका, डॉ. संपदा मुंडे के रूप में पहचानी गई, सतारा के फलटण उप-ज़िला अस्पताल में कार्यरत थीं। रिपोर्टों के अनुसार, गुरुवार देर रात फलटण के एक होटल के कमरे में उनका शव मिला। शुरुआती जाँच से पता चलता है कि उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या की। उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस ने घटना की विस्तृत जाँच शुरू कर दी है।
पुलिस अधिकारियों पर आरोप
अपने हाथ से लिखे सुसाइड नोट में, डॉ. मुंडे ने पुलिस सब-इंस्पेक्टर (PSI) गोपाल बदने पर चार महीने तक बलात्कार करने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इस मामले में एक अन्य पुलिस अधिकारी, प्रशांत बनकर, का भी नाम है। सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय पुलिस के बीच एक मेडिकल जाँच मामले को लेकर हुए विवाद के बाद से डॉक्टर पर भारी दबाव था।
अनदेखी की शिकायतें और बढ़ता दबाव
प्रारंभिक जाँच के अनुसार, डॉ. मुंडे ने पहले अपने वरिष्ठ अधिकारियों के पास उत्पीड़न और अन्याय का आरोप लगाते हुए एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में, उन्होंने कथित तौर पर उल्लेख किया था कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और चेतावनी दी थी कि अगर उत्पीड़न जारी रहा तो वह आत्महत्या कर सकती हैं।
हालाँकि, उनकी बार-बार की गई गुहार के बावजूद, अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। माना जाता है कि लगातार प्रशासनिक दबाव और प्रतिक्रिया की कमी ने उन्हें आत्महत्या के कगार पर पहुँचा दिया।
हाथ पर सुसाइड नोट
जब पुलिस ने उनके शव की जाँच की, तो उन्हें उनके हाथ पर लिखा एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल बदने पर बलात्कार और लंबे समय तक मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जाँचकर्ताओं का मानना है कि उन्होंने अपना अंतिम बयान अपने हाथ पर इसलिए लिखा ताकि उनके शब्दों को नज़रअंदाज़ या नष्ट न किया जा सके।
जारी जाँच
फलटन पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज कर लिया है और उनकी मौत के कारणों की गहन जाँच शुरू कर दी है। आरोपी पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है और सुसाइड नोट की सामग्री को फोरेंसिक जाँच के लिए भेज दिया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि वे आगे की कार्रवाई करने से पहले पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन डॉ. मुंडे के लिए न्याय की माँग करते हुए चिकित्सा जगत और सोशल मीडिया में आक्रोश फैल चुका है।
शोक में डूबा समुदाय
डॉ. संपदा मुंडे की दुखद मौत ने चिकित्सा जगत और स्थानीय समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है। उनके सहकर्मी उन्हें एक समर्पित और दयालु डॉक्टर बताते हैं, जो मरीजों के प्रति अपने समर्पण के लिए जानी जाती हैं। कई लोगों ने उनकी पिछली शिकायतों के बावजूद उनकी सुरक्षा न कर पाने के लिए व्यवस्था पर गुस्सा जताया है।

