Maa Siddhidatri: सिद्धियां और मोक्ष देती प्रदान करती हैं मां सिद्धिदात्री

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Maa Siddhidatri: सिद्धियां और मोक्ष देती प्रदान करती हैं मां सिद्धिदात्री
Maa Siddhidatri: सिद्धियां और मोक्ष देती प्रदान करती हैं मां सिद्धिदात्री

आज नवरात्र के 9वें दिन करें मां सिद्धिदात्री की पूजा
Maa Siddhidatri, (आज समाज), नई दिल्ली: मां दुर्गा की पूजन के लिए नवरात्रि बेहद विशेष माना जाता है। इसमें अलग-अलग दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होता है। मां सिद्धिदात्री सिद्धि को देने वाली देवता हैं। ऐसे में जिन लोगों को सिद्ध की प्राप्ति करना होता है, वह मां का विशेष पूजन और अर्चन करते हैं।

भोग लगाने के बाद मां सिद्धिदात्री की आरती का विशेष फल मिलता है। मां कमल के फूल पर बैठती हैं। उनकी पूजा में नौ तरह के फल और फूल चढ़ाए जाते हैं। उन्हें विद्या और कला की देवी सरस्वती का रूप भी माना जाता है।

माता सिद्धिदात्री के पास आठ सिद्धियां

भक्त नवरात्रि के नौ दिनों तक उपवास और पूजा-अर्चना करके मां दुर्गा की कृपा पाते हैं। उन्हें मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। देवी-देवता, गंधर्व, ऋषि और असुर भी माता सिद्धिदात्री की पूजा करके आठ सिद्धियां प्राप्त कर सकते हैं। अंत में मोक्ष प्राप्ति होती है।

पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें और उनकी पूजा करें।
  • मां को कमल का फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
  • मां सिद्धिदात्री का मंत्र क्या है?
  • मां सिद्धिदात्री के मंत्र ॐ सिद्धिदात्र्यै नम: का जाप करें।
  • मां की आरती करें और दुर्गासप्तशती या अन्य धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें।

मां सिद्धिदात्री का प्रिय भोग

मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई तरह के भोग लगाते हैं। हलवा, पूरी, चना, फल, खीर और नारियल जैसे प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। मान्यता है कि जामुनी या बैंगनी रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से विशेष फल मिलता है। भोग लगाने के बाद मां सिद्धिदात्री माता की विशेष रूप से आरती की जाती है। इस दिन तिल का भोग या विभिन्न प्रकार भोग लगाएं। इससे सभी प्रकार के सांसारिक सुखों को प्राप्ति होगी।

कन्या पूजन का विधान

नवरात्र के 9 वें दिन कन्या पूजन किया जाता है। इस दिन नौ कन्याओं और एक (बालक) का पूजन करने का विधान है। हालांकि अपनी क्षमता के अनुसार 5,3,1 कन्याओं का पूजन भी किया जा सकता है। कन्या पूजन में कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें दक्षिणा दी जाती है। उनका आशीर्वाद लिया जाता है।

पूजा के लाभ

  • मां सिद्धिदात्री की पूजा से भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
  • मां की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।
  • मां सिद्धिदात्री की पूजा से आत्म-विश्वास और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।

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