- गुरु तेग बहादुर ने धर्म और मानव अधिकारों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी : करतार सिंह
Jind News(आज समाज) जींद। राजकीय महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों द्वारा एक दिवसीय एनएसएस शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस एवं जनजातीय गौरव दिवस पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सत्यवान मलिक ने सभी प्रतिभागियों और कार्यक्रम अधिकारियों को उनके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए बधाई दी तथा कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों में सेवा भावना और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को जागृत करते हैं।
स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपने जीवन का दिया बलिदान
सेमिनार में रिसोर्स पर्सन गुरुद्वारा मंजी साहिब पातशाही नौंवी ग्रंथी करतार सिंह उपस्थित हुए। उन्होंने बताया कि गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा और मानव अधिकारों के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने हर धर्म के मानने वालों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। 24 नवंबर 1675 को दिल्ली के चांदनी चौक में गुरु जी को शहीद किया गया था, जहां आज गुरुद्वारा शीश गंज साहिब स्थित है।
जनजातीय गौरव दिवस के बारे में एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर प्रो. रितु और प्रो. भगवान दास ने बताया कि यह दिवस बिरसा मुंडा के जन्मदिवस पर मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि कैसे जनजातीय समाज ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और समाज एवं राष्ट्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के बीच छात्र जीवन में एनएसएस का महत्व विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई।
स्वयंसेवकों द्वारा जींद स्थित गुरुद्वारे में सेवा कार्य किया गया
जिसमें प्रतिभागियों ने समाजसेवा, नेतृत्व क्षमता तथा राष्ट्र निर्माण में एनएसएस की भूमिका पर अपने विचार प्रस्तुत किए। महाविद्यालय के विद्यार्थी स्वयंसेवकों द्वारा जींद स्थित गुरुद्वारे में सेवा कार्य भी किया गया। उन्होंने वहां साफ.-सफाई, लंगर वितरण तथा अन्य व्यवस्थाओं में सक्रिय भागीदारी निभाई। सभी विद्यार्थियों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ गुरु सेवा में योगदान दिया। इस पावन अवसर पर स्वयंसेवकों ने सेवा ही सच्ची पूजा है का संदेश चरितार्थ किया।
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