Farmers Protest : संयुक्त किसान मोर्चा के धरने पर केन्द्र सरकार पर बरसे किसान

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Farmers lashed out at the Central Government at the protest of the United Kisan Morcha.
कस्बे के बिजली कार्यालय परिसर में संचालित धरने पर रोष प्रकट करते किसान।
  • बकाया मुआवजे को लेकर किसान संगठनों का धरना 119 वें दिन भी जारी रहा

Charkhi Dadri News( आज समाज नेटवर्क)बाढड़ा। आज संयुक्त मोर्चा धरना बिजली कार्यालय के परिसर में 119 दिन से जारी रहा धरनें कि अध्यक्षता जोरा सिंह सिंह उमरवास जयसिंह हंसवास खुर्द संचालन ब्रह्मपाल बाढडा धरने को सम्बोधित करते हुए मास्टर रघुवीर विजेंद्र बेरला किसान सभाअध्यक्ष नसीब मोद ने कहा कि बर्बाद खरीफ फसल 2023 के सम्बन्ध में 350 करोड़ रूपये का घोटाला कर दिया, इसमें 218 करोड़ सिवानी तथा शेष दादरी जिले का है। इसके साथ रखी फसल 2023-24 का सरसों का 85 करोड़ बीमा क्लेम सेंट्रल टैक्नीकल एडवाइजरी कमेटी द्वारा किसानों के हक में निर्णय देने के बाद भी इसी कम्पनी ने भुगतान नहीं किया, जो भिवानी, दादरी व कुछ हिस्सा मेवात का है। इसमें भिवानी दादरी जिलों की जिला मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा निर्णय करने के बाद भी उक्त कम्पनी यह बीमा क्लेम का भुगतान नहीं कर रही है।

विधानसभा चुनाव अगस्त, 2024 की आचार संहिता लगने के बाद भी कम्पनी ने कृषि कल्याण विभाग के आला अफसरों से सांठ-गांठ करके 20 अगस्त, 2024 को गैर कानूनी तरीके से राज्य लेबल टैक्निकल परामर्श कमेटी की मनमाने तरीके से बिना कोरम और अस्तित्वहीन कमेटी की बैठक बुलाकर टैक्निकल ईल्ड का बहाना बनाकर सैटेलाईट इमेजिंग दिखाकर यह 350 करोड़ रुपये बीमा क्लेम एकतरफा तौर पर गैर कानूनी व मनमाने रूप से कम कर दिया। जबकि भारत सरकार की प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना में गेहूं और धान में 70 प्रतिशत कोपकटिंग एसापैरेमेन्ट तथा 30 प्रतिशत सैटेलाईट इमेजिंग (टैक्निकल ईल्ड) का प्रावधान है, जबकि कपास के मामले में शत-प्रतिशत (100 प्रतिशत) कोप कटिंग एक्सपैरिमेन्ट का प्रावधान है।

किसान मजदूरों के यह मुद्दे रहेंगे हाल ही की भारी बारिश से आई बाढ़/जलभराव से बर्बाद खरीफ फसल के बदले एक लाख रुपया प्रति एकड़ मुआवजा मिले

परन्तु राज्य सरकार व कृषि विभाग के अधिकारी जान-बूझकर इस प्रावधान को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। हमारे जिले भिवानी का 2022-23 रबी फसल सरसों पाले का मुआवजा 308 करोड़ रुपये बकाया पड़ा है, उसका भुगतान लेने तथा हमारा बीमा क्लेम का अधिकार पाने हेतु 11 जुलाई 2025 से बाढडा धरने लगा रखा है। अन्य मुख्य मांगे हैं कि हमारी खरीफ व रबी फसलों की सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद हो। बकाया पड़े ट्यूवैल कन्केशन शीघ्र जारी हों। मुआवजा खाद व  सभी जलभराव क्षेत्रों का जल निकासी शीघ्र हो।सीटू नेता सुमेर सिंह ने कहा कि 28 नवंबर को होने वाले लोहारू में किसान मजदूरो कि महापंचायत में किसान मजदूरों के यह मुद्दे रहेंगे हाल ही की भारी बारिश से आई बाढ़/जलभराव से बर्बाद खरीफ फसल के बदले एक लाख रुपया प्रति एकड़ मुआवजा मिले। बाढ़व जलभराव से मकानों को हुए वास्तविक नुकसान की भरपाई हो।

सभी गांव में विशेषकर बाढ़ व जलभराव से प्रभावित गांव में 200 दिन व 600 रुपए प्रतिदिन दिहाड़ी पर मजदूरों के लिए मनरेगा के तहत काम दिया जाए, भवन निर्माण मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हो। किसानों को 2022-23, 2023-24 व 2025 की बर्बाद फसलों का बकाया बीमा व मुआवजा दिया जाए।भूप सिंह धारनी सत्य प्रकाश जेवली रणधीर हवा सिंह प्रताप सिंह हसावास पर्व कर्मचारी नेता महेंद्र सिंह पचगांव सिंह खोरड़ा हसावास पारस जोरा सिंह बाढडा धर्मवीर बलवीर राजेश कुमार भांडवा ताखर युदबीर भाडवां ओमप्रकाश प्रताप सिंह हंसावास महावीर प्राचार्य हवा सिंह सतबीर हसावस आदि मौजूद रहे।

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