Cough Syrup Deaths: मध्य प्रदेश पुलिस ने श्रीसन फार्मा के निदेशक जी रंगनाथन को गिरफ्तार किया

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Cough Syrup Deaths: मध्य प्रदेश पुलिस ने श्रीसन फार्मा के निदेशक जी रंगनाथन को गिरफ्तार किया
Cough Syrup Deaths: मध्य प्रदेश पुलिस ने श्रीसन फार्मा के निदेशक जी रंगनाथन को गिरफ्तार किया

MP Cough Syrup Death Case, (आज समाज), भोपाल/चेन्नई: मध्य प्रदेश पुलिस ने श्रीसन फार्मा के निदेशक जी रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया है। कंपनी द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में अब तक 21 बच्चों की मौत हो चुकी है। पिछले कल बुधवार को बीते 24 घंटों में छिंदवाड़ा में तीन और मासूमों की जान चली गई। मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए विशेष समिति गठित की गई है जो पता लगाएगी कि जहरीली सिरप बाजार में कैसे पहुंची और इसके लिए कौन दोषी है। छिंदवाड़ा जिले के सभी मेडिकल स्टोरों की दवा जांच रिपोर्ट मांगी गई है।

एमपी पुलिस ने रखा था इनाम

मध्य प्रदेश पुलिस ने बुधवार रात को मालिक के बारे में जानकारी देने वाले को 20,000 रुपए का इनाम देने की घोषणा की थी। छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अजय पांडे (Ajay Pandey) ने बताया, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी टीम ने बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात चेन्नई में छापा मारा और रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि रंगनाथन अपनी पत्नी के साथ फरार था।

रंगनाथन का चेन्नई में 2,000 वर्ग फुट का  पार्टमेंट सील

चेन्नई में, चेन्नई-बेंगलुरु राजमार्ग पर रंगनाथन के 2,000 वर्ग फुट के अपार्टमेंट को सील कर दिया गया, जबकि कोडंबक्कम में उसका पंजीकृत दफ्तर बंद पाया गया। एसआईटी ने तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित कंपनी से महत्वपूर्ण दस्तावेज, दवा के नमूने व उत्पादन रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं । पुलिस ने बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी और सिरप निर्माता श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 276 (दवाओं में मिलावट) और 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत केस दर्ज किया था।

मिली थी विषैले पदार्थों की खतरनाक मिलावट 

छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के बाद, तमिलनाडु औषधि नियंत्रक (Tamil Nadu Drugs Controller) ने भी कोल्ड्रिफ सिरप के नमूने की जांच की और पाया कि उसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) जैसे विषैले पदार्थों की खतरनाक मिलावट थी। कोल्ड्रिफ में डीईजी की मात्रा 48 फीसदी से ज़्यादा पाई गई, जबकि अनुमेय सीमा केवल 0.1 फीसदी है। जांच ​​के दौरान, निर्माण इकाई में टीम ने 39 गंभीर और 325 प्रमुख टिप्णियां कीं, जिनमें औषधि नियम, 1945 की अनुसूची M और L1 के अंतर्गत कई अनियमितताएं पाई गईं।

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