Charkhi Dadri News(आज समाज नेटवर्क )बाढड़ा। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बकाया मुआवजा, लंबित ट्यूबवैल कनेक्षन व कृषिक्षेत्र की मांगों को लेकर संचालित धरना 125 वें दिन भी जारी रहा तथा सरकार द्वारा सुध न लेने पर उनके खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रकट किया।उपमंडल के बिजली कार्यालय परिसर में संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य राजेश भांडवा की अध्यक्षता में संचालित धरने को संबोधित करते हुए किसान मजदूर संगठन अनुसूचित प्रकोष्ट जिलाध्यक्ष धर्मपाल सिंह हड़ौदा ने कहा कि पहली बार किसान व कमेरे वर्ग के हितों से खिलवाड़ किया जा रहा है।
किसानों ने स्पष्ट किया कि जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा, धरना जारी रहेगा
किसानों के साथ 350 करोड़ का बीमा क्लेम कंपनी ने नहीं दिया वो सरकार की मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता। किसान को सरकार कमजोर ना समझे। किसानों ने कई बार सिद्ध किया है कि वो अपनी मांगों से कभी पीछे नहीं हटते। किसानों के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है, जो अब बर्दाश्त के बाहर हो चुकी है। उन्होंने सरकार से तुरंत मुआवजे की राशि जारी करने की मांग करते हुए कहा कि किसान हितैषी होने का दिखावा करने वाली सरकार को धरने पर बैठे किसान नहीं दिखाई दे रहे हैं।मा. रघबीर सिंह काकड़ौली ने सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि सरकार केवल वादे करती है, लेकिन ज़मीन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा। धरने में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए और एकजुट होकर सरकार से अपने हक की मांग की। किसानों ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा, धरना जारी रहेगा।
आयात शुल्क समाप्त होने से कपास की घरेलू कीमत पर सीधा असर पड़ेगा
युवा किसान नेता नरेश कादयान ने कहा कि वार्ता के नाम पर सरकार किसानों को भ्रमित कर रही है जो किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। वित्त मंत्रालय ने कपास पर लगने वाले 11 प्रतिशत आयात शुल्क को तत्काल प्रभाव से खत्म करने का निर्णय किया है और सरकार के इस फैसले को देश भर के कपास पैदा करने वाले किसानों को उजाडऩे वाला निर्णय बताया है। आयात शुल्क समाप्त होने से कपास की घरेलू कीमत पर सीधा असर पड़ेगा। बाहर से कपास सस्ती कीमतों पर बाजार में आएगी जिससे हमारे कपास की कीमतें निश्चित रूप से गिरेंगी और किसानों को और अधिक संकट और कर्ज का सामना करना पड़ेगा।
सरकार ने ऐसा कर देश के किसानों के साथ विश्वासघात किया और कहा 2023 कपास बीमा मुआवजा में कृषि विभाग के अधिकारियों ने कंपनी से मिल कर चुनाव आचार संहिता के चलते जिला भिवानी व चरखी-दादरी जिलों के 450 करोड़ रुपयों के 1लेम को लगभग सौ करोड़ रुपये कर, 350 करोड़ रुपयों का घोटाला किया । इतना ही नहीं हरियाणा भर में वर्ष 2022-2023 में जहां फसल बीमा 1लेम 2497 करोड़ रुपये मिला, चुनावी वर्ष 2023-24 में यह 1लेम सिर्फ 224 करोड़ रुपये किसानों को दिया गया है जो उनके साथ भद्दा मजाक है।
आज के धरने पर कप्तान बलबीर सिंह ताखर, प्रताप सिंह खोरड़ा, महेन्द्र सिंह भांडवा, ब्रहमपाल बाढड़ा, सत्यप्रकाश जेवली, जयसिंह हंसावास, प्रताप श्योराण, दीपचंद, भूपसिंह दलाल, ओमप्रकाश खोरड़ा, महिपाल कारीदास, संतराम दिसौदिया, होशिर सिंह गोपी, धर्मपाल पीटीआई, सुरेश फरटिया, धर्मपाल बारवास इत्यादि मौजूद रहे।


