Punjab-Haryana High Court: हरियाणा में भाजपा विधायक की रिकाउंटिंग की मांग पर एतराज जताने वाली याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

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Punjab-Haryana High Court: हरियाणा में भाजपा विधायक की रिकाउंटिंग की मांग पर एतराज जताने वाली याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज
Punjab-Haryana High Court: हरियाणा में भाजपा विधायक की रिकाउंटिंग की मांग पर एतराज जताने वाली याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

उचाना से कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह ने रिकाउंटिंग की मांग को लेकर हाईकोर्ट में दायर की हुई है याचिका, अब नियमित रूप से होगी सुनवाई
Punjab-Haryana High Court, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा के जींद जिले की उचाना विधानसभा से भाजपा विधायक देवेंद्र अत्री को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से झटका लगा है। दरअसल, चुनावों में वोटों की रिकाउंटिंग पर रोक लगाने की मांग को लेकर भाजपा विधायक देवेंद्र अत्री ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। वोटों की रिकाउंटिंग की मांग को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है।

भाजपा विधायक देवेंद्र अत्री ने कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह की संशोधित याचिका को खारिज करने की मांग की थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति अनूप चिटकारा की कोर्ट ने 11 सितंबर को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज इस पर निर्णय सुनाते हुए अदालत ने देवेंद्र अत्री की याचिका को खारिज कर दिया है। अब बृजेंद्र सिंह की याचिका पर नियमित सुनवाई शुरू होगी, जिसके लिए 19 सितंबर की तारीख तय की गई है। उस दिन आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

मात्र 32 वोट से चुनाव हारे बृजेंद्र सिंह

उचाना विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र अत्री को 48 हजार 968 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह को 48 हजार 936 वोट मिले थे। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह 32 वोटों से हार गए थे। इस चुनाव में 400 के करीब बैलेट पेपर की काउंटिंग की गई थी, जिनमें से 215 वोट त्रुटियों के कारण रिजेक्ट या कैंसिल हो गए थे।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

इस मामले में बाद में बृजेंद्र सिंह ने अपनी चुनाव याचिका में कुछ और बातें भी जोड़ी थीं, जिसके बाद भाजपा विधायक देवेंद्र अत्री ने कहा था कि बृजेंद्र सिंह की चुनाव याचिका खारिज कर दी जानी चाहिए, क्योंकि यह सुनवाई करने के योग्य ही नहीं है। इसी सिलसिले में कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच दलीलें चल रही थीं।

गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान देवेंद्र अत्री के वकील ने याचिका को खारिज करने की मांग की। इसके बाद याचिकाकर्ता बृजेंद्र सिंह के वकील ने देवेंद्र अत्री की दलीलों के विरोध में अपनी दलील पेश की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

कैंसिल वोटों की दोबारा नहीं की गई

मार्च 2025 में बृजेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि जो कैंसिल या रिजेक्ट वोट होते हैं, यदि उनका अंतर इलेक्शन की हार-जीत के अंतर से ज्यादा है, तो गिनती खत्म होने के बाद उन सभी कैंसिल वोटों की दोबारा से जांच रिटर्निंग अधिकारी को मौके पर करनी होती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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