Farmers Protest : बकाया मुआवजे को लेकर किसान संगठनों का धरना 107 वें दिन भी जारी रहा

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The farmers' organizations' protest over outstanding compensation continued for the 107th day.
कस्बे के बिजली कार्यालय परिसर में संचालित धरने पर रोष प्रकट करते किसान।
  • कृषि मंत्री सात बार जिला मुख्यालय पहुंचे लेकिन किसानों की नहीं ली सुध, अब उनके आगमन पर घेराव करेंगे आंदोलन कारी

Charkhi Dadri News(आज समाज नेटवर्क)बाढड़ा। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदेश के कृषि मंत्री द्वारा बार बार दादरी जिले का दौरा करते हैं लेकिन धरनारत किसानों के पास आकर उनका बकाया मुआवजा, बिजली पानी, खाद बीज किल्लत जैसी समस्याओं के बारे में चर्चा तक करना वाजिब नहीं समझते। अबकी बार दादरी जिले में कृषि मंत्री के आगमन पर उनका जोरदार विरोध किया जाएगा।यह बात संयुक्त किसान मोर्चा नेता मा. रघबीर श्योराण ने किसान सभा अध्यक्ष नसीब कारीमोद की अध्यक्षता में बिजली घर परिसर में संयुक्त मोर्च के बैनर के नीचे संचालित 107 वें दिन के बेमियादी धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकारें केवल अपने हित की सुरक्षा कर रही हैं और मंडी में हो या खलिहान में किसान का केवल शोषण ही हो रहा है। केन्द्र व प्रदेश सरकार किसान व नौजवान को आत्मनिर्भर बनाने की बजाए केवल पूंजीपति व्यवस्था को बढावा दे रही है।

देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि विश्व बैंक से ऋण भी हमारे नाम पर लिया जा रहा है और हमारे पर ही कर थोपे जा रहे हैं। सरकार दिखावे के नाम पर तो कृषि, किसान के लिए बड़ा बजट आवंटित कर लेती है लेकिन फिर निजि कंपनियों के माध्यम से उस पैसे का गोलमाल कर लिया जाता है।

यह महापुरुषों की कर्मभूमि है। यहां से पूर्व सीएम बंसीलाल की पोती कैबिनेट मंत्री है और किरण चौधरी राज्यसभा सांसद है और यहां के किसान नेता चौधरी धर्मवीर सिंह सांसद हैं लेकिन यहां के भोलेभाले किसानों के साथ अन्याय बरता जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने आप को किसान का बेटा बताते हैं फिर भी बाढड़ा क्षेत्र में किसानों का यह हाल है कि यहां पर किसानों द्वारा किया गया पैदा सोना बाजरे के रूप में यहां पर पड़ा हुआ है इसे कोई खरीदने वाला नहीं है।

देश की आजादी से अब तक केवल बड़े बड़े उद्योगपतियों का अरबों रुपयों का ऋण माफ किया गया

देश के किसान को आज सजगता के साथ अपनी पीढी के भविष्य की रक्षा करनी चाहिए। देश का पीएम एक तरफ तो जनता को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की अपील कर रहा है जबकी देश का पेट भरने वाला किसान को प्राकृतिक आपदा के समय हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने में कंजूसी बरत कर निजि कंपनियों को फयादा पहुंचा रहा है। यह सरकार की सोझी समझी योजना है ताकि भुखा प्यास किसान अपनी कृषि भूमि बेच दे और कारपोरेट घरानों का दबाव बढ जाए। हमारे अन्नदाता को भविष्य का श्रमिक बनाने की योजना है जो किसी सूरत में मान्य नहीं है। देश की आजादी से अब तक केवल बड़े बड़े उद्योगपतियों का अरबों रुपयों का ऋण माफ किया गया लेकिन किसान को बीमा कंपनियों का प्रीमियम अदा करने के बावजूद नुकसान की भरपाई के धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है।

देश के किसान को किसान को नुकसान की भरपाई से लेकर अनाज बेचने तक दर दर भटकना पड़ रहा है

देश के किसान को किसान को नुकसान की भरपाई से लेकर अनाज बेचने तक दर दर भटकना पड़ रहा है वहीं हमारे बच्चों को कालेजों में प्रवेश से लेकर रोजगार तक के लिए सडक़ों पर आंदोलन करना पड़ रहा है।किसान सभा के पूर्व अध्यक्ष मा. रघबीर श्योराण काकड़ौली ने कहा कि किसान कौम देश व दुनिया का पेट भरने वाली कौम है देश कितनी प्राकृतिक आपदा आई हुई फिर भी डटकर मुकाबला कर रहे हैं।

बरसात की अधिकता होने के कारण कपास, बाजरा, गवार, मुंग की फसल बर्बाद हो गई है सरकार व प्रशासन से मांग करते हैं और किसानों को तुरंत मुआवजा जारी करना चाहिए। धरने पर किसान सभा संयोजक रामपाल धारणी, अध्यक्ष नसीब मोद, श्योराण खाप पच्चीस अध्यक्ष बिजेंद्र बेरला, नरेश कादयान, होशियार सिंह पचगांव, सत्य प्रकाश जेवली, ब्रह्मपाल, रणधीर, हवा सिंह, प्रताप सिंह, रमेश कुमार भाम्भू, प्राचार्य हवा सिंह, जयवीर लुहाच नांधा, सतबीर सिंह इत्यादि मौजूद रहे।

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