Sharad Purnima: शरद पूर्णिमा आज

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Sharad Purnima: शरद पूर्णिमा आज
Sharad Purnima: शरद पूर्णिमा आज

सोलह कलाओं से युक्त चंद्रमा आज बरसाएंगे अमृत
(आज समाज), नई दिल्ली: हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। सोमवार 6 अक्टूबर यानी की आज शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है और उसकी किरणों में औषधीय गुण होते हैं। मान्यता है कि इस दिन खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने से वह अमृत के समान हो जाती है। इस दिन भगवान विष्णु मां लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

शरद पूर्णिमा कब से कब तक

छह अक्टूबर की सुबह 11.26 बजे पूर्णिमा तिथि लग जाएगी। इसका मान सात अक्टूबर की सुबह 9.34 बजे तक रहेगा। उन्होंने इस पर्व का महत्व भी बताया।

अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं चंद्रमा

पूरे वर्ष में केवल शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। इससे उनकी किरणों से अमृत बरसता है। जो स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए बेहद लाभकारी है। उन्होंने बताया कि खीर बनाकर रातभर चंद्रमा की शीतल किरणों के नीचे खुले में रखा जाता है। अगले दिन सूर्योदय से पूर्व इस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए।

भगवान शिव की करें स्तुति

पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार शरद पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करने से सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। जीवन में खुशियों का आगमन होता है। शरद पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। इस दिन विशेष चीजों के द्वारा शिवलिंग का अभिषेक करने से बिगड़े काम पूरे होते हैं। साथ ही महादेव की कृपा प्राप्त होती है।

आर्थिक तंगी दूर करने के लिए गन्ने के रस से करें भगवान शंकर का अभिषेक

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सुबह स्नान करने के बाद जल से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर केसर अर्पित करें। महादेव के मंत्रों का जप करें। आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए शरद पूर्णिमा के दिन शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए। जीवन में सुख-शांति पाने के लिए बेलपत्र जरूर अर्पित करें और प्रभु के नाम का ध्यान करें। सभी कामों में सफलता पाने के लिए शिवलिंग का दूध, दही और शहद से अभिषेक करना शुभ माना जाता है।

शिव चालीसा का करें पाठ

शिवलिंग पर अभिषेक करने के बाद शिव चालीसा का पाठ करें। चंद्रमा और शिव के मंत्रों का विशेष जाप करके उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। ऐसा करने से शरद कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है, मन शांत और स्थिर होता है। चंद्र मंत्र मानसिक शांति और शीतलता का कारक है। धन, धान्य, संपत्ति की वृद्धि के लिए भी कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिए।