Roadways Employees Demonstrated : रोडवेज कर्मचारियों ने बस अड्डा परिसर में किया प्रदर्शन

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Roadways Employees Demonstrated : रोडवेज कर्मचारियों ने बस अड्डा परिसर में किया प्रदर्शन
मांगों को लेकर रोष जताते हुए रोडवेज कर्मचारी।
  • ठेके की किलोमीटर स्कीम बसों को कोरोना समय में बिना संचालन के पेमेंट करने पर रोष जताया

Jind News,आज समाज, जींद। हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चे के आह्वान पर सोमवार को कर्मियों ने बस अड्डा परिसर में दो घंटे के लिए रोश प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी कर्मियेां ने ठेके की किलोमीटर स्कीम बसों को कोरोना समय में बिना संचालन के पेमेंट करने पर रोष जताया। प्रदर्शन में निर्णय लिया गया कि आगामी 18 जनवरी को रोडवेज कर्मचारी अंबाला में न्याय मार्च करके परिवहन मंत्री से रोडवेज विभाग में चालक व परिचालक, हैल्परों, मैकेनिक सहित अन्य के खाली पड़े हजारों पदों पर नई भर्ती की मांग करेंगे। मांगों को लागू नही किया तो बड़े आंदोलन का आगाज किया जाएगा।बाद में महाप्रबंधक को मांगों को लेकर ज्ञापन सांैपा गया।

परिवहन सेवा दिन प्रतिदिन पूंजीपतियों के हाथों में सौंपी जा रही

प्रदर्शन की अध्यक्षता राममेहर रेढू, अनूप लाठर, जितेंद्र लाठर, सोमबीर जांगड़ा ने किया तथा संचालन नीतीश शर्मा ने किया। प्रदर्शन में शामिल कर्मचारियों को संबोधित करते हुए अनूप लाठर, अशोक गोरिया, जसबीर चहल ने कहा कि प्रदेश सरकार रोडवेज विभाग की ओर धयान नही दे रही है। आम गरीब आदमी, व्यापारी, छात्र, छात्राओं की पसंद सस्ती एवं सुरक्षित परिवहन सेवा दिन प्रतिदिन पूंजीपतियों के हाथों में सौंपी जा रही है।

एक ओर जहां परिवहन मंत्री हर गांव में सरकारी बस भेजने की बात करते हैं और दूसरी ओर योजना की इलेक्ट्रोनिक बसों व किलोमीटर स्किम की बसों को रोडवेज विभाग में शामिल किया जा रहा है। इन स्कीमों की बसों के परिणाम को देखे तो प्रमाण की आवश्यकता नही कि ये बसें रोडवेज विभाग को बड़े घाटे की ओर ले जा रही हैं और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही हैं। जबकि सरकारी बसों को चलाने के लिए चालकों व परिचालकों की बहुत कमी है।

रोडवेज विभाग में हजारों पद खाली 

इसी प्रकार बसों की मरम्मत के लिए वर्कशॉपों में कर्मचारी ना के बराबर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगारी दूर करने की तो बात करती हैं लेकिन रोडवेज विभाग में हजारों पद खाली पड़े हैं। जिन पर सरकार भर्ती नही कर रही है। आज चालक व परिचालकों व कर्मशाला के कर्मचारियों पर कार्य बोझ बहुत बढ़ गया हैं। कर्मचारियों का मानसिक उत्पीडऩ किया जा रहा है।

नेताओं ने आगे बताया कि प्रदेश सरकार के पास किलोमीटर स्कीम की ठेके की बसों को कोरोना समय मे खड़ी बसों को करोड़ों रुपये देने के लिए तो रुपये हैं, दूसरी ओर आम जनता की सेवा करने वाले रोडवेज कर्मचारियों से अधिक कार्य लेकर बहुत कम वेतनमानों पर गुजारा करने को मजबूर किया जा रहा है। सरकार परिवहन कर्मचारियों की मांगों को जायज मान कर यूनियन नेताओं से समझौता तो लगातार कर रही है। परंतु उन जायज मांगो को लागू नही कर रही है। सरकार की इस कार्यशैली से कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

कर्मचारियों की मुख्य मांगे

कर्मचारियों की मुख्य मांगो में चालकों परिचालक, लिपिक, स्टोर कीपर, कैशियर के पद की वेतन विसंगति दूर करके पे ग्रेड बढ़ाया जाए। देय अर्जित अवकाश कटौती पत्र को वापस लेकर पूर्व की तरह देय अर्जित अवकाश दिए जाएं। परिचालक, चालको व कर्मशाला के कर्मचारियों के खाली पदों पर भर्ती की जाए। 2002 के चालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए एवं पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाए।

चालकों की अड्डा इंचार्ज का नया पद सृजित करके प्रमोशन की जाए। वंचित 2008 के परिचालकों को प्रमोशन की जाए। सभी प्रकार की पूर्ण प्रक्रिया पूरी करने वाले 2016 के चालकों को पक्का किया जाए। अगर सरकार ने कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नही किया तो प्रदेशभर के सभी रोडवेज कर्मचारी 18 जनवरी 2026 को अंबाला छावनी में परिवहन मंत्री के आवास पर न्याय मार्च निकालेंगे।

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