Punjab Stubble Burning Cases : पराली जलाने के मामलों में रिकॉर्ड कमी : सीएम

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Punjab Stubble Burning Cases : पराली जलाने के मामलों में रिकॉर्ड कमी : सीएम
Punjab Stubble Burning Cases : पराली जलाने के मामलों में रिकॉर्ड कमी : सीएम

केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार अपनाने की कड़ी आलोचना

Punjab Stubble Burning Cases (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के लिए पंजाब को पराली जलाने के नाम पर योजनाबद्ध साजिश के तहत बदनाम किया जा रहा है, जबकि सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनाज मंडियों में अभी लगभग 90 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) फसल पहुंचनी बाकी है, इसलिए राज्य में पराली जलाने का सवाल ही नहीं उठता। भगवंत सिंह मान ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराने वाले भूल जाते हैं कि हरियाणा राज्य पंजाब और राष्ट्रीय राजधानी के बीच स्थित है, फिर भी इस मुद्दे के लिए हरियाणा को कभी दोषी नहीं ठहराया जाता।

पंजाब के किसानों को बेवजह किया जा रहा बदनाम

मुख्यमंत्री ने नेताओं से स्पष्ट रूप से पूछा कि जब पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं सामने नहीं आई हैं, तो फिर दिल्ली का ए.क्यू.आई. इन दिनों इतना खराब क्यों है? भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के अन्न उत्पादकों को बिना वजह बदनाम किया जा रहा है और केंद्र सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए कोई विकल्प भी नहीं दिया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्धविराम सुनिश्चित कर सकते हैं, लेकिन कई राज्यों से जुड़े इस बड़े मुद्दे की उन्हें कोई चिंता नहीं। उन्होंने अफसोस जताया कि बाढ़ की तबाही के बावजूद, पंजाब ने राष्ट्रीय पूल में 170 लाख मीट्रिक टन धान का योगदान दिया, फिर भी केंद्र को राज्य की कोई परवाह नहीं।

केंद्र की तरफ से घोषित सहायता अभी तक प्राप्त नहीं हुई

मुख्यमंत्री ने इस गंभीर संकट की घड़ी में राज्य के साथ सौतेला व्यवहार करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्य को बाढ़ राहत के लिए प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1600 करोड़ रुपए अब तक प्राप्त नहीं हुए हैं, और केंद्र सरकार इस मुआवजे की राशि में से अन्य चल रही योजनाओं के फंड को एडजस्ट करने की कोशिश कर रही है, जिससे पंजाब की स्थिति और खराब हो रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार को पंजाब राज्य, जो देश का अन्न भंडार और रक्षा की भुजा है, के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए।

कई बार प्रयास के बावजूद भी पीएम नहीं मिले

एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कई प्रयासों के बावजूद वे प्रधानमंत्री से नहीं मिल सके क्योंकि वे बिहार के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के समक्ष बाढ़ का मुद्दा उठाने के साथ-साथ उन्हें नवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस समारोह में आमंत्रित करना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री बिहार में व्यस्त हैं, फिर भी वे स्वयं चुनावी राज्य में जाकर उनसे मिलने के लिए तैयार हैं ताकि पंजाब राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दों को उनके सामने रख सकें।

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