
PM Narender Modi, (आज समाज), कुरुक्षेत्र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम से पहले गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत महामहिम राज्यपाल असीम कुमार घोष और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने श्री गुरू ग्रंथ साहिब के सामने शीशनवाया। इस मौके पर कई कैबिनेट मंत्री भी मौजूद रहे।
गुरू साहब ने वीरता का आदर्श स्थापित किया
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कुरुक्षेत्र की इसी धरती पर खड़े होकर भगवान श्री कृष्ण ने सत्य और न्याय की रक्षा को सबसे बड़ा धर्म बताया था… कुरुक्षेत्र की यह पवित्र भूमि सिख परंपरा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। सिख परंपरा के लगभग सभी गुरू अपनी पावन यात्रा के दौरान यहां आए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मुगल आक्रांताओं के उस काल में गुरू साहब ने वीरता का आदर्श स्थापित किया था।
उन्होंने कभी धर्म और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया
मुगल आक्रांताओं के उस काल में कश्मीरी हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण किया जा रहा था। इस संकट के बीच पीड़ितों के एक दल ने गुरू साहब से सहयोग मांगा। तब गुरू महाराज ने उन सभी पीड़ितों से कहा था कि आप सभी औरंगजेब को साफ-साफ कह दे कि यदि गुरू तेग बहादुर ने इस्लाम कुबूल कर लिया तो आप सब भी इस्लाम कुबूल कर लेंगे। इन वाक्यों में उनकी निडरता और पराकाष्ठा थी। उन्होंने कभी धर्म और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया था। ”
उनका जीवन, उनका त्याग, उनका चरित्र बहुत बड़ी प्रेरणा
श्री गुरु तेग बहादुर जी जैसे व्यक्तित्व…इतिहास में विरले ही होते हैं। उनका जीवन, उनका त्याग, उनका चरित्र बहुत बड़ी प्रेरणा है। मुगल आक्रांताओं के उस काल में, गुरु साहिब ने वीरता का आदर्श स्थापित किया। हमारे गुरुओं की परंपरा, हमारे राष्ट्र के चरित्र, हमारी संस्कृति और हमारी मूल भावना का आधार है। हम सभी जानते हैं कि कैसे मुगलों ने वीर साहिबजादों के साथ भी क्रूरता की सारी सीमाएं पार कर दी थीं। वीर साहिबजादों ने दीवार में चुना जाना स्वीकार किया, लेकिन अपने कर्तव्य और धर्म का मार्ग नहीं छोड़ा। इन्हीं आदर्शों के सम्मान के लिए, अब हम हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाते हैं।
गुरुओं के हर तीर्थ को आधुनिक भारत के स्वरूप से जोड़ने का प्रयास
हमारी सरकार ने गुरुओं के हर तीर्थ को आधुनिक भारत के स्वरूप से जोड़ने का प्रयास किया है। करतारपुर कॉरिडोर का काम पूरा कराना हो, हेमकुंड साहिब में रोप वे प्रोजेक्ट का निर्माण करना हो, आनंदपुर साहिब में विरासत-ए-खालसा संग्रहालय का विस्तार हो। हमने गुरुजनों की गौरवशाली परंपरा को अपना आदर्श मानकर इन सारे कामों को पूरी श्रद्धा से पूरा करने का प्रयास किया है। कुछ समय पहले, जब अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब के तीन मूल स्वरूप भारत आए थे, तो ये हर देशवासी के लिए गौरव का क्षण बना था।
नशे की आदत ने हमारे अनेक नौजवानों के सपनों को, गहरी चुनौतियों में धकेल दिया
पिछले महीने, एक पावन यात्रा के रूप में गुरु महाराज के ये पावन ‘जोड़ा साहिब’ दिल्ली से पटना साहिब ले जाए गए और वहां मुझे भी इन पवित्र ‘जोड़ा साहिब’ के सामने अपना शीश नवाने काअवसर मिला। मैं इसे गुरुओं की विशेष कृपा मानता हूं कि उन्होंने मुझे इस सेवा का, इस समर्पण का और इस पवित्र धरोहर से जुड़ने का अवसर दिया। इस मौके प्रधानमंत्री मोदी ने बढ़ते नशे जैसे मुद्दे का भी जिक्र किया और कहा कि नशे की आदत ने हमारे अनेक नौजवानों के सपनों को, गहरी चुनौतियों में धकेल दिया है। सरकार इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए सारे प्रयास भी कर रही है। लेकिन यह समाज की, परिवार की भी लड़ाई है।
श्री गुरु तेग बहादुर जी के चरणों में एक स्मृति डाक टिकट और विशेष सिक्का भी समर्पित किया
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत सरकार ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के चरणों में एक स्मृति डाक टिकट और विशेष सिक्का भी समर्पित किया। मेरी कामना है कि हमारी सरकार गुरु परंपरा की इसी तरह निरंतर सेवा करती रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी जैसे व्यक्तित्व इतिहास में विरले ही होते हैं। उनका जीवन, उनका त्याग, उनका चरित्र बहुत बड़ी प्रेरणा है।
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