Maa Kushmanda Bhog: नवरात्र में मां कुष्मांडा को इस तरह करें प्रसन्न, अर्पित करें प्रिय भोग

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Maa Kushmanda Bhog: नवरात्र में मां कुष्मांडा को इस तरह करें प्रसन्न, अर्पित करें प्रिय भोग
Maa Kushmanda Bhog: नवरात्र में मां कुष्मांडा को इस तरह करें प्रसन्न, अर्पित करें प्रिय भोग

मां कुष्मांडा की कृपा से असंभव कार्य भी हो जाते हैं संभव
Maa Kushmanda Bhog, (आज समाज), नई दिल्ली: नवरात्र का हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों को समर्पित होता है। चौथे दिन की पूजा मां कुष्मांडा को अर्पित की जाती है, जिन्हें सृष्टि की आदि शक्ति माना जाता है। मान्यता है कि मां कुष्मांडा की कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं और भक्तों के जीवन से अंधकार मिटकर उजाला फैलता है। मां कुष्मांडा स्वरूप ने अपनी मंद मुस्कुराहट से ही सृष्टि की रचना की थी, इसलिए देवी कुष्मांडा को सृष्टि की आदि स्वरूपा और आदि शक्ति माना गया है।

देवी कुष्मांडा को समर्पित इस दिन का संबंध हरे रंग से जाना जाता है। मातारानी की 8 भुजाएं हैं, जिसमें से 7 में उन्होंने कमंडल, धनुष, बाण, कमल का फूल, अमृत का कलश, चक्र और गदा ली हुई है। माता के 8वें हाथ में जप माला है और मां शेर पर सवार हैं।

इन चीजों का लगाए भोग

  • मालपुआ: कहा जाता है कि मां कुष्मांडा को मालपुआ बेहद प्रिय है। इसलिए चौथे दिन मालपुए का भोग लगाना सबसे शुभ माना जाता है। इसके साथ ही मौसमी फल, लाल फूल और देसी घी का दीपक अर्पित करने से मां प्रसन्न होती हैं। भोग का विशेष फल मान्यता है कि मालपुए का भोग लगाने से बुद्धि का विकास होता है और परिवार में सुख-शांति आती है। भक्तों का विश्वास है कि मां कुष्मांडा प्रसन्न होकर रोगों से मुक्ति और दीघार्यु का आशीर्वाद देती हैं।
  • पीले रंग का केसर वाला पेठा: मां कूष्मांडा की पूजा में पीले रंग का केसर वाला पेठा रखना चाहिए और उसी का भोग लगाना चाहिए। कुछ लोग मां कूष्मांडा की पूजा में सफेद पेठे के फल की बलि भी चढ़ाते हैं। इसके साथ ही देवी को मालपुआ और बताशे भी चढ़ाने चाहिए।
  • पेठे का हलवा: सफेद कद्दू को कद्दूकस करें, घी में भूनें, चीनी-केसर मिलाकर गाढ़ा करें। यह मां के नाम से जुड़ा पकवान है, जो रोग नाश के लिए विशेष। स्वाद में मीठा और रसीला, यह प्रसाद के रूप में वितरित करने से पारिवारिक एकता बढ़ती है।
  • विविध फल भोग: मौसमी फलों का थाली- सेब, केला, अनार और अमरूद। मां को फल प्राकृतिक ऊर्जा के प्रतीक लगते हैं, जो सृष्टि रचना से जुड़े हैं। क्षमता अनुसार 5-7 प्रकार के फल अर्पित करें।
  • कुम्हड़े की सब्जी या हलवा: नाम के अनुरूप, कुम्हड़े को घी में भूनकर चीनी मिलाएं। शाकाहारी भोग होने से व्रतियों के लिए उपयुक्त है।
  • ये सामान करें अर्पित: चौथे नवरात्र पर पूजा के समय मां को लाल या सफेद वस्त्र, श्रृंगार का सामान और सुगंधित धूप अर्पित करना चाहिए। ढाक की धुन और मंत्रोच्चारण के बीच मां की आराधना करने से विशेष फल मिलता है।
  • माता पर चढ़ाए चमेली के फूल: मां कुष्मांडा को चौथा दिन समर्पित है। मां कुष्मांडा को पीले रंग के फूल और चमेली के फूल चढ़ाने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है।

इन मंत्रों का करें जाप

  • सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
  • ऐं ह्री देव्यै नम:

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