
मिठास, सरलता, और प्राकृतिक तत्वों से बने भोग हैं गणेश जी को पंसद
Ganesh Chaturthi, (आज समाज), नई दिल्ली: भगवान गणेश जी को भोग अर्पण करना उनके पूजन का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है। वो मिठास, सरलता, और प्राकृतिक तत्वों से बने भोग को बहुत प्रिय मानते हैं। गणपति को मोदक, लड्डू (विशेषकर मोतीचूर के लड्डू), केले के फल, और हरी दूर्वा घास का भोग लगाने से वे प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। गणेश चतुर्थी जैसे उत्सवों पर 21 मोदक चढ़ाना विशेष शुभ माना जाता है, और खीर का भोग भी धन लाभ के लिए लगाया जा सकता है।
इन व्यंजनों का लगाएं भोग
मोदक
गणेश जी को मोदक का भोग सबसे प्रिय माना जाता है। पुराणों के अनुसार बप्पा अपनी मां के हाथ के बने हुए मोदक पलभर में ही खाकर खत्म कर देते थे। इसलिए आप बप्पा को मोदक का भोग जरूर लगाएं।
लड्डू
मोदक के अलावा बप्पा को लड्डू का भोग भी लगाया जाता है। आप चाहें तो बेसन या बूंदी से बने लड्डू का भोग लगा सकते हैं, इससे भी बप्पा प्रसन्न होते हैं।
श्रीखंड
गणपति जी की पूजा में श्रीखंड सबसे प्रिय भोग माना गया है। केसर को दही और चीनी के साथ कई तरह के मेवे के साथ मिला कर बनाया जाता है। आप चाहें तो श्रीखंड के अलावा पंचामृत या पंजरी का भी पांचवें दिन भोग लगा सकते हैं।
नारियल
धार्मिक मान्यता के अनुसार नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है और इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना गया है। इसलिए आप भगवान गणेश को नारियल जरूर अर्पित करें।
पूरन पोली
महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी वाले दिन बप्पा को भोग में पूरन पोली जरुर अर्पित की जाती है। गणेश उत्सव के 10 दिनों में आप पूरन पोली का भोग लगा सकते हैं।
केला
हिंदू धर्म में किसी भी पूजा पाठ में केले का भोग सभी देवी देवताओं को लगता है। भगवान श्री गणेश जी को केला भी काफी पसंद है, मान्यता है इससे वह प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीष देते हैं।
घी और गुड़
गणपति जी को शुद्ध घी में पका हुआ गुड़ का भोग बहुत भाता है। इसलिए आप नौवें दिन गणपति जी को ये भोग लगा सकते हैं। आप चाहे तो इस गुड़ में छुआरे, नारियल भी मिला सकते हैं।
पंचमेवा
गणेश जी को वैसे तो मोदक सबसे प्रिय है लेकिन बप्पा को पंचमेवा भी पसंद है। धार्मिक मान्यता है कि इससे ग्रहों के अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिलता है। दुख-बाधा दूर होती है।
मालपुआ
गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए मालपुए का भोग भी लगाया जाता है। गणपति का एक दांत टूटा है, ऐसे में उन्हें मालपुआ खाने में आसानी होती है। धार्मिक मान्यता है इससे अशुभता दूर होती है।
खीर
मखाने की खीर का भोग गौरी पुत्र गजानन को बेहद प्रिय है। मान्यता है इससे नकारात्मकता दूर होती है। आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।
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