Shardiya Navratri: हाथी पर आसीन होकर भक्तों के घर आएंगी मां भगवती

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Shardiya Navratri: हाथी पर आसीन होकर भक्तों के घर आएंगी मां भगवती
Shardiya Navratri: हाथी पर आसीन होकर भक्तों के घर आएंगी मां भगवती

इस बार 10 दिन का नवरात्र, जानें कब है घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
Shardiya Navratri, (आज समाज), नई दिल्ली: शारदीय नवरात्र का शुभारंभ कल यानी 22 सितंबर से होगा। मां भगवती हाथी पर आसीन होकर भक्तों के घर आएंगी, जो अत्यंत शुभ है। इससे देश में सुख और समृद्धि आएगी। कृषि के क्षेत्र में उन्नति होगी। मइया का प्रस्थान नौका पर होगा। नवरात्र में मां भगवती के नौ स्वरूपों का होगा पूजन साधक नवरात्र व्रत रखकर काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार जैसे शत्रुओं से मुक्ति की याचना करेंगे।

सनातन धर्मावलंबी संगम, गंगा व यमुना के पवित्र जल में स्नान करने के बाद घरों में घट (कलश) की स्थापना करके मां के शैलपुत्री स्वरूप का पूजन करेंगे। नवरात्र में मां भगवती के निमित्त व्रत रखकर पूजन करने वालों को किसी का अहित नहीं सोचना चाहिए। स्वयं की उन्नति के लिए मइया से याचना करें। भक्ति निष्काम भाव, पवित्र तन व मन से होनी चाहिए। व्रती साधक को क्रोध व लोभ नहीं करना चाहिए।

घट स्थापना का समय

सोमवार की सुबह 5.18 से 7.65 बजे तक कन्या लग्न है। जो द्विस्वभाव की रहेगी। सुबह 10.07 से दोपहर 12.23 बजे तक वृश्चिक की स्थिर लग्न है। उक्त समयावधि में घट स्थापित करके मइया की स्तुति आरंभ करना पुण्यकारी रहेगा। शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से आरंभ होकर दो अक्ट्रबर को विजयादशमी पर संपन्न होगी। इस बार चतुर्थी तिथि की वृद्धि से नवरात्र 10 दिनों का रहेगा। नवरात्र के दिनों में वृद्धि शुभ है।

25 व 26 सितंबर को रहेगी चतुर्थी तिथि

नवरात्र में चतुर्थी तिथि 25 और 26 सितंबर को रहेगी। 26 सितंबर को सूर्योदय के पश्चात सुबह 6.48 बजे तक चतुर्थी होने के कारण उदयातिथि में उसी का मान रहेगा। पंचमी तिथि 27 सितंबर को सुबह 8.46 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि में पंचमी 27 सितंबर को मनाई जाएगी। आश्विन माह के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि 29 सितंबर की शाम 4:31 बजे से लगेगी।

इसलिए महाष्टमी 30 सितंबर को होगी। एक अक्टूबर को महानवमी का व्रत होगा। केवल प्रतिपदा और अष्टमी का व्रत करने वाले व्रती एक अक्टूबर को व्रत का पारण करेंगे, जबकि पूरे नौ दिनों का अनुष्ठान करने वाले विजयादशमी के दिन दो अक्टूबर को व्रत का पारण करेंगे। उसी दिन कन्या पूजन, अपराजिता, शमी पूजन तथा हवन के साथ अनुष्ठानों की पूणार्हुति होगी।

महाष्टमी व महानवमी का व्रत 30 सितंबर को

महाष्टमी व महानवमी का व्रत एक साथ 30 सितंबर मंगलवार को होगा। दुर्गा पाठ का पूजन एवं हवन एक अक्टूबर की दोपहर 2.37 बजे तक होगा। पूर्ण नवरात्र का व्रत रखने वाले लोग पारणा दो अक्टूबर गुरुवार को करेंगे। मां भगवती की प्रतिमा का विसर्जन भी दो अक्टूबर गुरुवार को किया जाएगा।

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