Jammu Kashmir Cloudburst, (आज समाज), जम्मू/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना के घाव अभी भरे नहीं हैं और इस बीच ऐसी एक और घटना ने कहर बरपाया है। अब जम्मू के कठुआ में बादल फटने की घटना से तबाही मची है। इसमें चार लोगों की मौत हो गई है और कई जख्मी बताए गए हैं।
गुज्जरों की बस्ती में हुई घटना

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कठुआ स्थित गुज्जरों की बस्ती में बादल फटने की घटना शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात को हुई है। मौके पर राहत एवं बचाव का काम जारी है। अधिकारियों ने रविवार को यानि आज यह जानकारी दी। शुरुआती रिपोर्टों में यह भी बताया जा रहा है कि जंगलोट के एक गांव में बादल फटने की घटना हुई है।
अफसरों को दिए हैं राहत एवं बचाव कार्य के निर्देश : उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने घटना पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने बताया कि संबंधित अफसरों को कठुआ जिले में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राहत, बचाव और निकासी उपाय करने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ के अनुसार कठुआ के कई हिस्सों में भूस्खलन व बाढ़ से जनमाल का नुकसान हुआ है जो बेहद दुखद है। सीएम ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया है।
एनएच-44, थाना व रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त : जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर के उधमपुर से सांसद जितेंद्र सिंह ( Jitendra Singh) के अनुसार बादल फटने से राष्ट्रीय राजमार्ग-44, एक रेलवे ट्रैक था एक पुलिस थाना भी क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं जताई हैं। जितेंद्र सिंह के मुताबिक कठुआ के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर बताया कि घटना की सूचना के बाद सेना, सिविल एडमिनिस्ट्रेशन व अर्धसैनिक बल तुरंत हरकत में आ और मौके पर पहुंचकर बचाव का काम शुरू किया।
किश्तवाड़ त्रासदी : अब भी 80 से ज्यादा लोग लापता
गौरतलब है कि इसी सप्ताह जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के चिशोती में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ में 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 100 से ज्यादा घायल हो गए। 80 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। 14 अगस्त को यह घटना उस समय हुई थी जबग मचैल माता मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग चिशोती में एकत्र हुए थे।
5 सितंबर को समाप्त होने वाली थी मचैल माता मंदिर की यात्रा
मचैल माता मंदिर की यात्रा 25 जुलाई को शुरू हुई थी और 5 सितंबर को समाप्त होने वाली थी। 9,500 फुट ऊंचे इस मंदिर तक 8.5 किमी की पैदल यात्रा चिसोती से शुरू होती है, जो किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित है।
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