- प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधार की दिशा में बड़ा कदम : राजेश वशिष्ठ
Jind News, आज समाज , जींद। शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने और विद्यार्थियों की मूलभूत साक्षरता एवं सं यात्मक दक्षताओं को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निपुण से निपुणता की ओर अभियान के तहत कक्षा दूसरी और तीसरी के विद्यार्थियों का सेंसस आधारित आंकलन करवाया गया। यह आंकलन 15 और 16 सितंबर को जिला जींद के सभी 423 प्राथमिक विद्यालयों में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस आंकलन का मुख्य उद्देश्य यह जानना था कि विद्यार्थी पढऩे, लिखने और गणना करने जैसी मूलभूत दक्षताओं में कितने निपुण हैं।
इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करवाने के लिए जिला शिक्षा विभाग ने पीजीटी और टीजीटी अध्यापकों को जिम्मेदारी सौंपी, जिन्होंने मोबाइल ऐप के माध्यम से विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया।
विद्यालयों का वर्गीकरण और परिणाम
आंकलन के परिणामों के आधार पर विद्यालयों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया
- कैटेगरी ए ऐसे विद्यालय, जिनमें 75 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने सभी दक्षताओं में निपुणता प्राप्त की ।
- कैटेगरी बी ऐसे विद्यालय, जिनमें 50 से 75 प्रतिशत के बीच विद्यार्थियों ने निपुणता प्राप्त की।
- कैटेगरी सी ऐसे विद्यालय, जिनमें 50 प्रतिशत से कम विद्यार्थी निपुण पाए गए।
- कैटेगरी सी में आने वाले विद्यालयों के लिए विशेष उपचारात्मक शिक्षण योजना तैयार की गई है।
इस योजना का उद्देश्य कमजोर विद्यार्थियों को दक्षता स्तर तक पहुंचाना है ताकि कोई भी बच्चा सीखने की मूलभूत क्षमताओं से वंचित न रहे।
उपचारात्मक शिक्षण योजना का क्रियान्वयन
इस योजना के तहत कक्षा दूसरी और तीसरी के शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन 35 से 45 मिनट की एक विशेष उपचारात्मक कक्षा आयोजित की जाएगी। इन कक्षाओं में विद्यार्थियों को उन्हीं दक्षताओं पर अभ्यास कराया जाएगा, जिनमें वे पिछड़ रहे हैं। इस योजना की अंतिम तिथि 20 दिसंबर निर्धारित की गई है। इस अवधि तक सभी विद्यालयों में निर्धारित दक्षताओं पर कार्य पूरा किया जाएगा। इसके उपरांत दोबारा आंकलन किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि विद्यार्थियों की दक्षताओं में अपेक्षित सुधार हुआ है या नही।
साप्ताहिक आकलन और रिपोर्टिंग प्रणाली
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए साप्ताहिक आंकलन और रिपोर्टिंग प्रणाली लागू की गई है । प्रत्येक सप्ताह शिक्षक विद्यार्थियों की प्रगति का मूल्यांकन करेंगे और रिपोर्ट तैयार कर संकुल, खंड और जिला स्तर पर भेजेंगे। इन रिपोर्टों के आधार पर विद्यार्थियों की प्रगति का विश्लेषण किया जाएगा और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
तीन स्तरों पर निगरानी व्यवस्था
योजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए तीन स्तरों पर निगरानी की व्यवस्था की गई है
- संकुल स्तर पर -संकुल मुखिया, एबीआरसी और डीडीओ विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे तथा शिक्षकों को आवश्यक मार्गदर्शन देंगे।
- खंड स्तर पर- खंड शिक्षा अधिकारी विद्यालयों का भ्रमण कर विद्यार्थियों की प्रगति का मूल्यांकन करेंगे।
- जिला स्तर पर- जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना संयोजक एवं जिला एफएलएन कोऑर्डिनेटर विद्यालयों का निरीक्षण कर शिक्षकों को दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे।
निपुण भारत मिशन की दिशा में सशक्त पहल
एफएलएन जिला कोऑर्डिनेटर राजेश वशिष्ठ ने बताया कि निपुण से निपुणता की ओर अभियान निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक सशक्त कदम है। इस पहल से न केवल विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता में सुधार होगा बल्कि शिक्षकों को भी दक्षता-आधारित शिक्षण पद्धति को अपनाने का अवसर मिलेगा।
जिला जींद में सेंसस आधारित आंकलन और उपचारात्मक शिक्षण योजना शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास है। इस योजना के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी विद्यार्थी सीखने की मूलभूत दक्षताओं से वंचित न रहे और सभी विद्यालय निपुण भारत के मानकों तक पहुंच सकें।
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