Business News Hindi : भारत की मैक्रो-इकोनॉमिक बुनियादी स्थितियां मजबूत : आरबीआई

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Business News Hindi : भारत की मैक्रो-इकोनॉमिक बुनियादी स्थितियां मजबूत : आरबीआई
Business News Hindi : भारत की मैक्रो-इकोनॉमिक बुनियादी स्थितियां मजबूत : आरबीआई

कहा, कम मुद्रास्फीति, मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और संकीर्ण चालू खाता घाटा को जाता है इसका श्रेय

Business News Hindi  (आज समाज), बिजनेस डेस्क : सरकार के नीति निर्माताओं, नियामकों और नियंत्रित संस्थाओं के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है कि भारत विपरीत परिस्थतियों में भी सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हाल की चुनौतियों के बावजूद, हमारी अर्थव्यवस्था लचीले विकास के संतुलन में स्थिर नजर आ रही है।

यह एक बड़ी उपलब्धि है। यह शब्द भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा है कि भारत की मैक्रो-इकोनॉमिक बुनियादी स्थितियां अब भी बहुत मजबूत हैं। जिससे देश एक अस्थिर दुनिया में स्थिरता का वाहक बन गया है। मल्होत्रा ने इस मजबूती का श्रेय कम मुद्रास्फीति, मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार, संकीर्ण चालू खाता घाटा और बैंकों व कॉरपोरेट्स के मजबूत बैलेंस शीट को दिया।

हमने विकास के अनुमानित रूझानों को पीछे छोड़ा

मल्होत्रा ने कहा है कि अमेरिकी आयात शुल्क में बढ़ोतरी, व्यापार प्रतिबंधों और अनिश्चितताओं के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था अब तक उम्मीद से अधिक मजबूती दिखा रही है। उन्होंने कहा कि विकास ने अनुमानित रुझानों को पीछे छोड़ दिया है। भले ही अनिश्चितता समकालीन विमर्श का एक स्थायी हिस्सा बन चुकी है, लेकिन वास्तविक अर्थव्यवस्था पर इसका असर अब तक सीमित रहा है। आने वाले समय में इसका स्वरूप और

वित्तीय रूप से हर देश आज दबाव में दिख रहा

संजय मल्होत्रा ने चेतावनी दी कि मौजूदा व्यापार नीति माहौल और बढ़ती पाबंदियां कुछ अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती हैं। गवर्नर ने कहा कि वित्तीय रूप से आज लगभग हर देश दबाव में है। अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी पड़ती है तो स्थिति को सामान्य करना मुश्किल होगा, खासकर तब जब महंगाई दर भी ऊंची न हो। यह सभी के लिए एक जोखिम है। इस बीच, स्वर्ण बाजार पर बोलते हुए मालहोत्रा ने हाल में सोने की कीमतों में आए तेज उछाल को वैश्विक अनिश्चितता का संकेतक बताया। उन्होंने कहा कि सोने की कीमतें अब वही भूमिका निभा रही हैं जो कभी तेल निभाया करता था। समग्र रूप से देखें तो अनिश्चितता के बावजूद हाल के समय में वैश्विक वित्तीय परिस्थितियों में कुछ नरमी आई है।

इतनी रहेगी जीडीपी विकास की दर

अमेरिका द्वारा लागू किए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के बावजूद आरबीआई ने जीडीपी में वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत की दर से होने का अनुमान जताया है। हालांकि आरबीआई ने पहले इसके 6.5 रहने की संभावना जताई थी। इस संबंध में जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं एक तो इस बार मानसून उम्मीद से अच्छा बरसा है दूसरा सरकार द्वारा जीएसटी की नई दरों को लागू करने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को आने वाले दिनों में बूस्ट मिलना तय है। यही कारण है कि पहले जीडीपी की विकास दर का 6.5 प्रतिशत का अनुमान अब 6.8 प्रतिशत कर दिया गया है।

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