अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का दिखाई दिया असर, मई से सितंबर के बीच लगातार घटता चला गया निर्यात
Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का असर भारत के निर्यात पर अब साफ दिखाई देने लगा है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) रिपोर्ट के अनुसार इस उच्च टैरिफ के चलते भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले उत्पादों के निर्यात में 37 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की जा चुकी है। आने वाले दिनों में यह गिरावट और भी ज्यादा होने की संभावना है। ज्ञात रहे कि अमेरिका द्वारा पहले सात अगस्त को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया फिर 20 दिन बाद इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। जिसके बाद भारतीय उत्पादों के निर्यात में लगातार कमी आती चली गई।
टैरिफ कम करने के लिए दबाव बनाए भारत
इसमें यह भी सुझाव दिया कि भारत को यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख साझेदारों के समान स्तर हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए, यानी औसत औद्योगिक शुल्क को लगभग 15 प्रतिशत तक लाने और कपड़ा, रत्न-आभूषण और फार्मास्यूटिकल्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों को ड्यूटी-फ्री पहुंच देने का लक्ष्य रखना चाहिए। भारत को अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए अमेरिका के साथ चल रही द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में सतर्क रणनीति अपनानी चाहिए। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने यह सुझाव दिया है। इसमें तीन चरणों की योजना सुझाते हुए कहा गया है कि भारत को पहले प्रतिबंधित रूसी कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल से तेल आयात बंद करना चाहिए, ताकि द्वितीयक प्रतिबंधों के खतरे से बचा जा सके।
इस तरह से दबाव बना सकता है भारत
जीटीआरआई के अनुसार, जब ये आयात पूरी तरह बंद हो जाएंगे, तो भारत को अमेरिका पर दबाव बनाना चाहिए कि वह भारतीय निर्यात पर लगाए गए दंडात्मक 25 प्रतिशत रूसी तेल टैरिफ को वापस ले। इसमें कहा गया है कि टैरिफ सामान्य होने के बाद ही व्यापार वार्ता फिर से शुरू करें और वह भी उचित व संतुलित शर्तों पर।
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