रिपोर्ट में दावा तेजी से घूमेगा भारत की आर्थिक वृद्धि का चक्र
Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : एक तरफ जहां पूरी दुनियाा में व्यापारिक परिवेश तेजी से बदल रहा है और ज्यादात्तर देशों की अर्थव्यवस्थाएं सुस्ती से घिरी हुई हैं वहीं भारत इससे उलट चल रहा है। टैरिफ के दबाव के बावजूद भारत का आर्थिक विकास तेजी से हो रहा है और इसकी अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है। यह तथ्य मॉर्गन स्टैनली की ताजा जारी रिपोर्ट में सामने आए हैं। इसी के साथ ही यह भी दावा किया गया है कि जल्द ही भारतीय शेयर बाजार में तेजी का रुख लोटेगा और यह आने वाले समय में शानदार रिटर्न देगा।
रिपोर्ट में यह किया गया दावा
मॉर्गन स्टैनली रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारतीय शेयर बाजार में हाल की गिरावट का दौर अब समाप्त हो गया है। वे कारक, जिनकी वजह से भारत अन्य उभरते बाजारों की तुलना में पिछड़ रहा था, अब बदल रहे हैं और बाजार में सुधार के संकेत नजर आने लगे हैं। मॉर्गन स्टैनली के विश्लेषकों का मानना है कि बाजार अब तेजी की ओर बढ़ रहा है और सेंसेक्स जून, 2026 तक एक लाख का स्तर छू सकता है। वर्तमान आधार पर यह 19 फीसदी अधिक है। मॉर्गन स्टैनली का निष्कर्ष है कि आर्थिक वृद्धि का चक्र अब तेज होने वाला है।
इसे सरकार व आरबीआई की नीतियों से समर्थन मिल रहा है। उच्च विकास, कम अस्थिरता और कम ब्याज दरों के माहौल में निवेशक धीरे-धीरे इक्विटी की ओर बढ़ेंगे। इससे बाजार में प्राइस-अर्निंग्स अनुपात बढ़ सकता है और घरेलू निवेशक अधिक पैसा लगाएंगे। इसके साथ ही रिपोर्ट में मारुति सुजुकी, ट्रेंट, टाइटन, वरुण बेवरेजेज, रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी और कॉफोर्ज को मजबूत प्रदर्शन और अच्छे ग्रोथ संभावनाओं वाली कंपनियों के रूप में प्रभाषित किया गया है।
भारत को इस तरफ देना होगा ज्यादा ध्यान
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अध्यक्ष एस महेंद्र देव ने निवेश दर को विकास का चालक बताते हुए कहा कि भारत को 7 प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने के लिए निवेश दर को वर्तमान 31 से 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 34 से 35 प्रतिशत करने की आवश्यकता है। निजी क्षेत्र को भारत में अधिक निवेश करना चाहिए क्योंकि अब दोहरी बैलेंस शीट की कोई समस्या नहीं है।देव ने कहा कि सरकारी पूंजीगत व्यय बढ़ रहा है। इसका गुणक प्रभाव होगा। साथ ही ग्रामीण और शहरी मांग में वृद्धि से निजी निवेश में वृद्धि होगी।
इस तरह से बढ़ाना होगा भारत को निर्यात
निर्यात में विविधता लाने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत तेज करनी चाहिए और अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को अंतिम रूप देने के लिए वाशिंगटन के साथ बातचीत जारी रखनी चाहिए। देव ने कहा कि सुरक्षा नीतियों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कमी के बावजूद, भारत के लिए विश्व वस्तु व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए बहुत सारे अवसर हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, विनिर्माण के लिए भारत की व्यापार नीति एशिया, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, कुछ विकसित देशों में निर्यात में विविधता लाने, एफटीए को तेज करने और अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखने की होनी चाहिए।
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