- किसानों को खाद की कमी के कारण उठाना पड़ रहा है नुकसान
Haryana Kisan Mazdoor Morcha,(आज समाज) जींद। हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मार्चा ने किसानों और मजदूरों की समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर ने तहसीलदार शालिनी लाठर को ज्ञापन सौंपा। राजेश मोर, महासिंह मौण, उदयवीर, ईश्वर खर्ब और चेयरमैन सतीश ने कहा कि हरियाणा में किसानों को खाद की कमी के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है। खाद की कमी की दूर किया जाए और खाद वितरण प्रणाली में सुधार किया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में धान की खरीद 15 सितंबर से शुरू किया जाए।
बासमती धान की एमएसपी खरीद को सुनिश्चित किया जाए
क्योंकि धान की रोपाई 15 जून से शुरू हो जाती है। 90 दिन में फसल पक कर तैयार हो जाती है और पिछले वर्ष की तरह 2000 प्रति एकड़ धान की फसल पर प्रोत्साहन राशि दी जाए। बासमती धान की एमएसपी खरीद को सुनिश्चित किया जाए। जलभराव से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए प्रदेश में नदी नालों की सफाई नदियों पर बांध और जहां नदी नाला दूर हैए वहां पर ड्रेन और पाइप लाइन की व्यवस्था की जाए। मंडी में किसानों के साथ अनाज की तुलाई में हेराफेरी रोकने के लिए कंप्यूटर कांटा का प्रयोग किया जाए।
ट्यूबवेल कनेक्शन देने की प्रक्रिया सरल की जाए। बिजली बिल 2025 और स्मार्ट मीटर लगाने वाले फै सले को रद्द किया जाए। बेसहारा पशुओं का प्रबंधन किया जाएए जिससे अब तक तो किसानों की फ सलों का नुकसान होता था लेकिन अब हर रोज सडक़ हादसे पशुओं की वजह से होते हैं और सैंकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
पराली प्रबंधन के लिए सरकार ने सख्त कानून बनाया
धान में फीजी वायरस से हुए भारी नुकसान की भरपाई की जाए और फीजी वायरस से निपटने के लिए सरकार जरूरी कदम उठाए। पराली प्रबंधन के लिए सरकार ने सख्त कानून बनाया है, उसे वापस ले और किसानों की जरूरतों के लिए सरकार मशीनरी का इंतजाम करें। पराली के प्रबंधन के लिए एक हजार से बढ़ा कर पांच हजार प्रति एकड़ किया जाए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को सही ढंग से प्रभावी बनाया जाए। मनरेगा को खेती से जोड़ा जाए।
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