EPFO New Rules (आज समाज): अगर आप नौकरी करते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। सरकार EPFO की मौजूदा सैलरी लिमिट को ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 प्रति माह करने की योजना बना रही है। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तो लगभग 1 करोड़ ऐसे कर्मचारियों को सोशल सिक्योरिटी का फायदा मिलेगा जो पहले PF और पेंशन स्कीम से बाहर थे। अभी, जिनकी बेसिक सैलरी ₹15,000 से ज़्यादा है, उन्हें EPF और EPS का सदस्य नहीं माना जाता है।
नई लिमिट लागू होने के बाद, ₹25,000 तक कमाने वालों के लिए PF में योगदान देना अनिवार्य हो जाएगा। कर्मचारियों और कंपनियों दोनों को 12% का योगदान देना होगा। इससे रिटायरमेंट फंड और पेंशन मजबूत होगी। हालांकि, इन-हैंड सैलरी थोड़ी कम हो सकती है।
लिमिट को बढ़ाकर ₹25,000 प्रति माह करने पर विचार
केंद्र सरकार EPFO के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए बड़े बदलाव करने की योजना बना रही है। हालांकि, PF और पेंशन का फायदा सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को मिलता है जिनकी बेसिक सैलरी ₹15,000 या उससे कम है। सरकार अब इस लिमिट को बढ़ाकर ₹25,000 प्रति माह करने पर विचार कर रही है। यह फैसला दिसंबर या जनवरी में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ की मीटिंग में लिया जा सकता है।
अभी के नियम क्या हैं?
अभी, ₹15,001 या उससे ज़्यादा सैलरी वाले कर्मचारी अपनी मर्ज़ी से EPF स्कीम में शामिल हो सकते हैं। कंपनियों के लिए ऐसे कर्मचारियों को PF स्कीम में शामिल करना ज़रूरी नहीं है।
जुड़ेंगे नए कर्मचारी
अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तो ₹25,000 या उससे कम सैलरी वालों के लिए PF और EPS में योगदान देना अनिवार्य हो जाएगा। इस बदलाव से लगभग 1 करोड़ नए कर्मचारी EPFO से जुड़ेंगे।
PF कटौती और योगदान प्रक्रिया
EPFO नियमों के तहत, कर्मचारियों और कंपनियों दोनों को 12% का योगदान देना होता है। कर्मचारी का पूरा योगदान उनके PF अकाउंट में जमा होता है, जबकि कंपनी का 3.67% योगदान PF में और 8.33% पेंशन फंड (EPS) में जाता है।
किसे मिलेगा PF और पेंशन का फायदा
जानकारी के लिए, ₹15,000 से ज़्यादा लेकिन ₹25,000 तक सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को अब PF और पेंशन का फायदा मिलेगा। इससे उन्हें लंबे समय तक फाइनेंशियल सिक्योरिटी मिलेगी। हालांकि, डिडक्शन बढ़ने के कारण इन-हैंड सैलरी कम हो सकती है।
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