Constitution Day: राष्ट्रपति मुर्मू ने की तीन तलाक, जीएसटी सुधारों व अनुच्छेद 370 हटाने की तारीफ

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Constitution Day: राष्ट्रपति मुर्मू ने की तीन तलाक, जीएसटी सुधारों व अनुच्छेद 370 हटाने की तारीफ

President Murmu On Constitution Day, (आज समाज), नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने 76वें राष्ट्रीय संविधान दिवस के उपलक्ष्य में बुधवार को पुराने संसद के सेंट्रल हॉल स्थित केंद्रीय कक्ष में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने तीन तलाक के साथ ही जीएसटी सुधारों व अनुच्छेद 370 का भी जिक्र किया। राष्ट्रपति की अध्यक्ष में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ था संविधान तैयार करने का काम

राष्ट्रपति की अध्यक्षता में कार्यक्रम करवाया गया और अपने संबोधन में मुर्मू ने कहा कि संविधान दिवस के इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को संसद भवन के इसी केंद्रीय कक्ष में संविधान के सदस्यों ने भारत का संविधान तैयार करने का काम पूरा किया था और इसी दिन हम भारत के लोगों ने अपने संविधान को अपनाया।

भीमराव अंबेडकर संविधान के मुख्य निमार्ताओं में से एक

स्वतंत्रता मिलने के बाद संविधान सभा ने अंतरिम संसद का काम भी किया। मुर्मू ने कहा कि हमारे संविधान के मुख्य निमार्ताओं में से एक डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन थे। तीन तलाक का जिक्र करते हुए राष्ष्टÑपति ने कहा कि संसद ने इस सामाजिक बुराई को खत्म करके हमारी बहनों और बेटियों के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। जीएसटी पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, आजादी के बाद जीएसटी सुधार सबसे बड़ा टैक्स सुधार है और इसने देश की आर्थिक एकता को मजबूत किया है।

नारी शक्ति बंधन कानून का महत्व बताया 

राष्ट्रपति ने बताया कि अनुच्छेद 370 हटाने से एक ऐसी रुकावट दूर हुई, जो देश की राजनीतिक एकता में बाधा बन रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि नारी शक्ति बंधन कानून महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की नई शुरूआत करेगा। राष्ट्रपति ने बताया कि इस साल 7 नवंबर से पूरे देश में ह्यवंदे मातरमह्ण की रचना के 150 साल पूरे होने पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुवादित संस्करण को 9 भाषाओं में जारी किया। इनमें मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया शामिल हैं। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी।

संविधान 9 नई भाषाओं में जारी किया

संविधान दिवस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला,कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और दोनों सदनों के सांसद व केंद्रीय कैबिनेट के मंत्री शामिल रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने संविधन दिवस के उपलक्ष्य में देशवासियों के लिए एक चिट्ठी लिखी। राष्ट्रपति ने संविधान दिवस पर संविधान को 9 नई भाषाओं मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया में जारी भी किया। इस पहल के बाद अब भारत का संविधान इन भाषाओं में भी उपलब्ध होगा, जिससे अधिक लोग अपनी भाषा में संविधान को पढ़ और समझ सकेंगे।

अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखें देशवासी : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान दिवस पर देश को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने सभी से अपील की कि वे विकसित भारत के संकल्प की ओर अग्रसर होकर अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखें। उन्होंने कहा, संविधान एक ऐसा पवित्र दस्तावेज है, जो लगातार देश के विकास का सच्चा मार्गदर्शक बना हुआ है। इसी की ताकत की बदौलत ही गरीब परिवार से आने वाला एक साधारण शख्स प्रधानमंत्री पद तक पहुंचा है।

उपराष्ट्रपति ने गिनवाए 370 हटने के फायदे

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा, 2024 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में लोगों ने बड़ी संख्या में वोट डालकर दुनिया को फिर दिखा दिया कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था कितनी ताकतवर है। उन्होंने कहा, हाल ही में हुए बिहार चुनावों में भी भारी मतदान हुआ। खासकर महिलाओं ने बिहार में रिकॉर्ड संख्या में वोट डाले। उपराष्ट्रपति ने संविधान सभा की महिलाओं के योगदान की भी तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि महिलाओं के अतुलनीय और ऐतिहासिक योगदान ने भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत आधार दिया।

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