Charkhi Dadri News : मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती स्मृति दिवस पर आध्यात्मिक मूल्यों से नशामुक्त दिव्य समाज निर्माण का लिया संकल्प

0
84
On Mother Jagadamba Saraswati Smriti Diwas, pledge was taken to build a divine society free from addiction through spiritual values
मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करती वसुधा बहन व अन्य।

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। आध्यात्मिक मूल्यों से नशामुक्त दिव्य समाज का निर्माण कर वसुधैव कुटुंबकम का पाठ पढ़ाया मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती ने वास्तव में जगदंबा आधुनिक युग की चैतन्य देवी थी उन्हें ईश्वरीय ज्ञान, गुण और शक्तियों को धारण करके लोगों को अनुभव कराने का दिव्य वरदान प्राप्त था वास्तव में ज्ञान और शक्तियों की चैतन्य अवतार थी जगदंबा मां सरस्वती यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा के तत्वावधान में मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती के 60 वें स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि मातेश्वरी जी ने 24 जून 1965 को अपने नश्वर देह का त्याग करके संपूर्णता को प्राप्त किया इस दिवस को ब्रह्माकुमारी संस्थान के देश विदेश के भाई बहनें आध्यात्मिक ज्ञान दिवस के रूप में मना रहे हैं।ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने मां जगदंबा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रथम प्रशासिका थी जो बचपन से अनेक कलाओं से भरपूर थी जिन्होंने अध्यात्म के बल पर कन्याओं व माताओं को सशक्त बनाया।

मातेश्वरी ने पवित्रता व दिव्यता की मूर्ति बन समाज में आध्यात्मिक व मानवीय मूल्यों का पाठ पढ़ाया

वसुधा बहन ने कहा सभी लोग मातेश्वरी को प्यार से मम्मा कहते थे क्योंकि उनके चेहरे और चलन से मां की ममता स्वत: झलकती थी। मातेश्वरी ने पवित्रता व दिव्यता की मूर्ति बन समाज में आध्यात्मिक व मानवीय मूल्यों का पाठ पढ़ाया।इस अवसर पर झोझू कलां सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा की मातेश्वरी की वाणी में मधुरता बोल मन को शांत तथा शक्ति संचारित करने वाले होते थे उनमें चुंबकीय आकर्षण था उनके जो भी संपर्क में आया वह आनंद व खुशी से भरपूर अनुभव करता था। मम्मा ने कभी भी किसी के अवगुण न देख सदा विशेषताएं ही देखी ।उन्होंने कहा कि अगर हम भी अपने घर, परिवार ,समाज में शांति का माहौल बनाना चाहते हैं तो मातेश्वरी जी के पद चिन्हों पर चलना पड़ेगा।

कार्यक्रम मे ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा कि जगदंबा सरस्वती 45 वर्ष की अल्पायु में हम सभी को जीवन जीने की कला सिखा कर चली गई उनकी शिक्षाएं ,व्यक्तित्व सदा अमर रहेगा। उन्होंने कहा की जगदंबा सरस्वती ने दैवी गुणों का ऐसा बीजारोपण किया जो वर्तमान समय 140 देशों में वंदे मातरम का ध्वज लहरा रहा है। इस अवसर पर रामबास सरपंच प्रतिनिधि अशोक शर्मा, पूर्व मुख्य अध्यापक विनोद सांगवान, रामकुमार, ग्रामीण विकास मंडल अध्यक्ष राजेंद्र यादव, सचिव सुनील कुमार, नाथूराम यादव,शुभराम साहब, ईश्वर सिंह पूर्व मनेजर, रवि जांगड़ा, धर्मवीर, टेकचंद, मा. राजेंद्र सिंह, मनोज, सुधीर के साथ ब्रह्माकुमारी वसुधा व ज्योति, रेखा, रितु ,अनुज, ललिता,पूनम, मोनिका,नीलू आदि सैकड़ों भाई बहनों ने मातेश्वरी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

Charkhi Dadri News : ब्राह्मण सभा सिन्दोलिया खाप अध्यक्ष का अभिनंदन किया