Chandigarh news: चितकारा इंटरनेशनल स्कूल बना वर्ल्ड डिज़ाइन काउंसिल (यूके) का पहला नॉर्थ इंडिया लर्निंग पार्टनर

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Chandigarh news:(आज समाज):mohali: चितकारा इंटरनेशनल स्कूल, चंडीगढ़ और पंचकूला ने शिक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम बढ़ाते हुए यूनाइटेड किंगडम स्थित वर्ल्ड डिज़ाइन काउंसिल (डब्ल्यूडीसी) के साथ ऐतिहासिक एमओयू पर हस्ताक्षर किए।  इस समझौते के साथ चितकारा इंटरनेशनल स्कूल उत्तर भारत का पहला स्कूल बन गया है जिसे वर्ल्ड डिज़ाइन काउंसिल, यूके का अप्रूव्ड लर्निंग पार्टनर बनने की अधिकारिक मान्यता प्राप्त हुई, जिससे क्षेत्र में वैश्विक डिज़ाइन-आधारित शिक्षा के एक नए युग की शुरुआत हुई है।

समारोह में डब्ल्यूडीसी के कंट्री हेड इंडिया फिलिप थॉमस और सीनियर फेलो, वेनेसा मिस्टेर चितकारा इंटरनेशनल स्कूल, चंडीगढ़ पहुंचे। दोनों ने इस मौके पर डिज़ाइन थिंकिंग और क्रिएटिव लीडरशिप पर यहाँ अपने विचारों को साँझा किया और इस भागीदारी की महत्वता को भविष्य के विद्यार्थियों को तैयार करने में रेखांकित किया।

इस साझेदारी के तहत, चितकारा इंटरनेशनल स्कूल में डब्ल्यूडीसी की वैश्विक स्किलिंग पहल “फ्यूचर क्रिएटिव माइंड्स” प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। इसके माध्यम से बच्चों को डिज़ाइन थिंकिंग, इनोवेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिसिस, सस्टेनेबिलिटी,कम्युनिकेशन जैसी महत्वपूर्ण स्किल्स सिखाई जाएंगी।

यह प्रोग्राम आईएसडीसी (इंटरनेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन प्रॉब्लम-सॉल्विंग) द्वारा सी.बी.एस.ई. पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार किया गया है, जिसमें उच्च स्तरीय शिक्षण मॉड्यूल, फैकल्टी-नेतृत्व वाली कक्षाएँ, मास्टरक्लास और प्रैक्टिकल वर्कशॉप शामिल हैं। इससे विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।

इस अवसर पर डॉ. नियति चितकारा, वाइस प्रेसिडेंट-स्कूल एजुकेशन, ने कहा कि यह साझेदारी हमारे विद्यार्थियों को ऐसे परिवर्तनकारी कौशल प्रदान करने में हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है, जो उभरती वैश्विक अर्थव्यवस्था के अनुरूप हों। वर्ल्ड डिज़ाइन काउंसिल के अप्रूव्ड लर्निंग पार्टनर के रूप में, हमें गर्व है कि हम अपने विद्यार्थियों को क्रिएटिव प्रॉब्लम-सॉल्वर और इनोवेटिव ग्लोबल लीडर के रूप में सशक्त बना रहे हैं।

यह सहयोग पारंपरिक शिक्षा और तेजी से विकसित हो रहे रचनात्मक पारिस्थितिकी तंत्र के बीच एक पुल का काम करेगा। समारोह का समापन इस साझा दृष्टिकोण के साथ हुआ कि आने वाली पीढ़ी को रचनात्मक भविष्य के लिए तैयार किया जाए और वे वैश्विक मंच पर सार्थक योगदान देने में सक्षम है।