4th National Ranking Table Tennis Championship 2025 : सांसद कार्तिकेय शर्मा बोले – यह चैंपियनशिप भारत की उभरती खेल शक्ति का जीवंत उत्सव 

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4th National Ranking Table Tennis Championship 2025 : सांसद कार्तिकेय शर्मा बोले - यह चैंपियनशिप भारत की उभरती खेल शक्ति का जीवंत उत्सव 
4th National Ranking Table Tennis Championship 2025 : सांसद कार्तिकेय शर्मा बोले - यह चैंपियनशिप भारत की उभरती खेल शक्ति का जीवंत उत्सव 

MP Kartikeya Sharma, (आज समाज), पंचकूला : पंचकूला में चौथी नेशनल रैंकिंग टेबल टेनिस चैंपियनशिप 2025 का आयोजन किया गया, जिसके सांसद कार्तिकेय शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस अवसर पर सांसद कार्तिकेय शर्मा ने खिलाड़ियों का उत्साह वर्धन किया और उन्हें इस खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि 4th नेशनल रैंकिंग टेबल टेनिस चैंपियनशिप के इस भव्य आयोजन में उपस्थित होना मेरे लिए अत्यंत गर्व और आनंद का विषय है और यह गर्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह प्रतियोगिता हरियाणा की खेल-धरा, पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में आयोजित हो रही है।

टेबल टेनिस गति, सूझबूझ और चपलता का अनोखा संगम

मैं हरियाणा टेबल टेनिस एसोसिएशन तथा टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया को इस उत्तम और सुव्यवस्थित आयोजन के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ। 9 से 16 नवंबर तक यहां केवल मुकाबले नहीं होंगे, बल्कि जज़्बे, महत्वाकांक्षा और अनुशासन की अनगिनत कहानियां आकार लेंगी। अंडर-11 के नन्हें प्रतिभाशाली खिलाड़ियों से लेकर वरिष्ठ अनुभवी खिलाड़ियों तक यह चैंपियनशिप भारत की उभरती खेल शक्ति का जीवंत उत्सव है। टेबल टेनिस गति, सूझबूझ और चपलता का अनोखा संगम है। 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से आती गेंद को संभालना पल भर में निर्णय लेने की कला मांगता है।

वर्षों की साधना, अनुशासन और धैर्य की कठोर परीक्षा

यह खेल केवल कौशल नहीं, बल्कि वर्षों की साधना, अनुशासन और धैर्य की कठोर परीक्षा है। भारत की टेबल टेनिस यात्रा भी उतनी ही प्रेरक और तेज़ रफ्तार रही है। 2018 में मनिका बत्रा ने कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला सिंगल्स में स्वर्ण जीत कर भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ा। उन्हें पद्मश्री और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। लॉकडाउन के दौरान जब स्टेडियम बंद थे, तब घर में आईने के सामने फुटवर्क का अभ्यास उनकी लगन का श्रेष्ठ उदाहरण है। ऐसी अटूट निष्ठा ही अच्छे खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय चैंपियन बनाती है।

जुनून और निरंतरता ही महानता का सबसे मजबूत आधार

भारत के टेबल टेनिस के स्तंभ-अचूक धैर्य और दृढ़ता के प्रतीक-शरत कमल का योगदान अविस्मरणीय है। कॉमनवेल्थ खेलों में 13 पदक और 2022 में 40 वर्ष की आयु में तीन स्वर्ण व एक रजत- यह उपलब्धि अपने आप में मिसाल है। उन्हें उसी वर्ष मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मान मिला- जो उनके खेल-संकल्प का सच्चा सम्मान है। शरत की यात्रा हमें बताती है कि जुनून और निरंतरता ही महानता का सबसे मजबूत आधार है। और इसी भावना को ये पंक्तियाँ सार्थक करती हैं- “क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं, संघर्ष पथ पर जो मिले, यह भी सहज स्वीकार है।”

जीत भले आज न मिले पर अनुभव अवश्य मिलेगा

यही जज़्बा आज यहां मौजूद हर खिलाड़ी अपने भीतर लेकर आया है। जीत भले आज न मिले पर अनुभव अवश्य मिलेगा। और अनुभव ही वह पूँजी है, जो भविष्य के चैंपियनों को और भी मज़बूत बनाती है। यह प्रतियोगिता भारतीय प्रतिभा की विविधता और व्यापकता का अद्भुत संगम है-देश के हर कोने से आए खिलाड़ियों का। करीब ₹10 लाख की पुरस्कार राशि यह संदेश देती है कि यह आयोजन प्रतिभा के साथ-साथ विश्वास में भी निवेश कर रहा है।

 यह आपका क्षण है, आपकी परीक्षा है, आपकी उड़ान है…

साथ ही, उन मौन सहयोगियों- माता-पिता, प्रशिक्षकों और अधिकारियों का भी विशेष आभार, जिनकी मेहनत खिलाड़ियों के प्रदर्शन में झलकती है। यहाँ उपस्थित प्रत्येक खिलाड़ी के लिए यही संदेश- यह आपका क्षण है, आपकी परीक्षा है, आपकी उड़ान है। स्कोरबोर्ड केवल अंक दिखाता है-आपकी असली जीत आपका साहस, आपका अनुशासन और आपका समर्पण है। इस चैंपियनशिप को वह स्थान बनाएं जहाँ नए चैंपियन केवल पहचाने नहीं जाएँ, बल्कि यहीं जन्म लें। मेरी शुभकामनाएँ-आपका हर कदम, हर स्ट्रोक, राष्ट्र के गौरव को और ऊँचा उठाने वाला साबित हो; यही मेरी ईश्वर से कामना है।

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