वर्तमान में अमेरिका पर 37.18 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज
Business News Update (आज समाज), बिजनेस न्यूज : अमेरिका का दूसरी बार राष्टÑपति बनने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लोगों को दोबारा से सवर्णिम अमेरिका लौटाने का वादा किया था। इसके बाद ट्रंप ने फरवरी के पहले सप्ताह में विश्व के सभी प्रमुख देशों सहित करीब 76 देशों पर उच्च टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। अमेरिकी राष्टÑपति ने इन टैरिफ को लागू करने के पीछे के कारण बताते हुए कहा कि बहुत सारे देश अपने उत्पाद अमेरिका में बिना किसी खास फीस के बेच रहे हैं।
ट्रंप ने यह दावा किया कि नई टैरिफ दरों से अमेरिका को इतना पैसा मिलेगा की इसकी आर्थिक स्थिति फिर से तेजी से खुशहाल हो जाएगी। आपको बता दें कि अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अनुसार अमेरिका पर 37.18 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है। यह कर्ज रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों सरकारों के दौरान बढ़ता रहा है।ट्रंप का कहना है कि इससे अमेरिका का घाटा कम किया जाएगा। वहीं अमेरिकी कांग्रेस के बजट कार्यालय ने भी कुछ ऐसा ही अनुमान जताया है। सीबीओ का अनुमान है कि अगले कुछ वर्षों में अमेरिका के घाटे में 4 ट्रिलियन डॉलर (करीब 350 लाख करोड़ रुपये) की कमी आ सकती है।
अगले 10 साल में इतना कम होगा घाटा
अगर ट्रंप के वैश्विक टैरिफ बढ़ते रहे तो रेवेन्यू में वृद्धि से अगले दस वर्षों में प्राथमिक घाटा 3.3 ट्रिलियन डॉलर तक कम हो सकता है। साथ ही, संघीय ब्याज भुगतान में 0.7 ट्रिलियन डॉलर की कटौती हो सकती है। इसका मतलब है कि सरकार को ब्याज चुकाने में कम पैसे खर्च करने होंगे। अभी यह कहना मुश्किल है कि टैरिफ की दरें यही रहेंगी। क्योंकि व्यापार भागीदारों के साथ बातचीत चल रही है और अंतर्राष्ट्रीय कानूनी चुनौतियां भी हैं। लेकिन, टैरिफ से होने वाली अतिरिक्त आय, रिपब्लिकन के टैक्स-कट और खर्च बिल से होने वाले घाटे को कम करने में मदद कर सकती है।
सरकार को कामकाज बंद करना पड़ सकता है
अमेरिकी कांग्रेस लगातार संघीय सरकार को उसकी आय से अधिक खर्च करने की अनुमति देती रही है। कानून निमार्ताओं के सामने सितंबर के अंत तक सरकार के लिए धन जुटाने की समय सीमा है। अगर खर्च बिल पास नहीं होते हैं, तो सरकार को कामकाज बंद करना पड़ सकता है। आॅक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के अनुसार, अगस्त में अमेरिका में टैरिफ की दरें औसतन 16.7% थीं। जून में यह दर 15.1% थी। इस वित्तीय वर्ष में अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा द्वारा 26 बिलियन डॉलर से अधिक का शुल्क लगाया गया है। पिछले साल यह आंकड़ा कुछ सौ मिलियन डॉलर ही था। इससे पता चलता है कि टैरिफ में कितनी वृद्धि हुई है।
भारत पर 27 अगस्त से लगेगा 50 प्रतिशत टैरिफ
अमेरिका ने जिन देशों पर उच्च टैरिफ लगाया है भारत भी उनमें से एक है। अमेरिका द्वारा दो दिन बाद यानि 27 अगस्त से सभी भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत की दर से टैरिफ शुरू हो जाएगा। जिससे भारतीय निर्यात के बुरी तरह से प्रभावित होने की संभावना है।
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