Today Breaking News : क्या अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार को मान्यता देगा भारत

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Today Breaking News : क्या अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार को मान्यता देगा भारत
Today Breaking News : क्या अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार को मान्यता देगा भारत

आज अपने एक सप्ताह के दौरे पर भारत पहुंच रहे विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी

Today Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा भारी भरकम टैरिफ लगाने और जून में भारत द्वरा पाकिस्तान पर की गई सैन्य कार्रवाई के बाद दक्षिण एशिया में काफी ज्यादा राजनीतिक बदलाव आ रहे हैं। इन्हीं बदलावों में से एक है भारत द्वारा अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के साथ नजदीकी बढ़ाना। ज्ञात रहे कि 2021 में अफगानिस्तान द्वारा तालिबान द्वारा सत्ता हथियाने के बाद भारत ने अफगानिस्तान से दूरी बना ली थी।

इसके बाद आज पहली बार अफगानिस्तान की तालीबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत पहुंच रहे हैं। तालिबानी विदेश मंत्री आज से 16 अक्टूबर तक भारत दौरे पर हैं। 2021 में देश की सत्ता पर कब्जा करने के बाद यह किसी तालिबानी नेता की पहली भारत यात्रा होगी। यह यात्रा आर्थिक संबंधों और राजनयिक मान्यता की तलाश में क्षेत्रीय शक्तियों के साथ जुड़ाव बढ़ाने के तालिबान के प्रयासों को उजागर करती है।

इसलिए भारत यात्रा पर आ रहे मुत्ताकी

अब तक, रूस एकमात्र ऐसा देश है जिसने तालिबान प्रशासन को औपचारिक रूप से मान्यता दी है। मुत्ताकी ने बीते दिनों मास्को में एक क्षेत्रीय बैठक में भाग लिया, जहां भारत, पाकिस्तान, ईरान, चीन और कई मध्य एशियाई देशों सहित अफगानिस्तान ने क्षेत्र में विदेशी सैन्य बुनियादी ढांचे की तैनाती का विरोध करते हुए संयुक्त बयान जारी किया। यहां वे ‘मॉस्को फॉर्मेट कंसल्टेशन’ की बैठक में शामिल हुए, जिसमें भारत उनके सपोर्ट में दिखा। भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस प्लान का विरोध किया है, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस वापस लेने की बात कही थी। इस मुद्दे पर पाकिस्तान, चीन और रूस ने भी भारत का सपोर्ट किया।

तालिबान सरकार को मान्यता देने पर हो सकती है बात

2021 में अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने और तालिबान की सरकार बनने के बाद भारत ने काबुल में अपना दूतावास बंद कर दिया। तब से दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक रिश्ता नहीं रहा। भारत ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को आॅफिशियली मान्यता भी नहीं दी है। हालांकि भारत लंबे वक्त से अफगानिस्तान के साथ बैकडोर डिप्लोमेसी करता रहा है।

विदेश मंत्रालय के सोर्स बताते हैं कि मुत्तकी की दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात हो सकती है। दोनों के बीच अफगानिस्तान में मानवीय सहायता, वीजा, व्यापारियों के लिए सुविधा और अफगान नागरिकों के मामले उठाए जा सकते हैं।

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