Ganga Jal Rules: क्यों पावन माना जाता है गंगाजल

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Ganga Jal Rules: क्यों पावन माना जाता है गंगाजल
Ganga Jal Rules: क्यों पावन माना जाता है गंगाजल

जानें घर में गंगाजल रखने के नियम?
Ganga Jal Rules, (आज समाज), नई दिल्ली: हिंदू धर्म में गंगा नदी बहुत पावन मानी गई है। गंगा को माता मानकर उसकी पूजा की गंगा नदी स्वर्ग से पृथ्वी पर आई है। जन्म से लेकर मृत्यु तक हर शुभ काम में गंगाजल का उपयोग किया जाता है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गंगाजल कितना महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि गंगाजल को छूने मात्र से ही से व्यक्ति का तन, मन और आत्मा पवित्र हो जाती है।

गंगाजल को घर में रखने के कुछ नियम भी धर्म शास्त्रों में बताए गए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि हिंदू धर्म गंगाजल को इतना पावन क्यों माना गया है। साथ ही जानते हैं गंगाजल को घर में रखने का नियम।

हिंदू मान्यता के अनुसार

हिंदू मान्यता के अनुसार, गंगा का उद्भव भगवान श्री विष्णु के चरणों से हुआ माना जाता है, इसलिए इसे चरणामृत कहते हैं। गंगाजल से व्यक्ति के शरीर की शुद्धि नहीं, बल्कि, मन और आत्मा की भी शुद्धि हो जाती है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि गंगा जल का दर्शन, स्पर्श और सेवन व्यक्ति के सभी पापों का नाश कर देता है और उसको पुण्य प्रदान करता है।

धर्म ग्रंथों में ही ये भी बताया गया है कि गंगा नदी का पानी यानी गंगाजल घर में संग्रहित करके रखने से कभी खराब नहीं होता। कई वैज्ञानिक रिसर्च में पता चला है कि गंगा के पानी में बैक्टीरिया को मारने का अद्भुत गुण हैं। गोमुख से निकलने वाला गंगाजल अनेक खनिजों और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के तत्वों को अपने साथ लेकर निकलता है। यही वजह है कि ये कभी खराब नहीं होता। इसमें कीड़े भी नहीं पनपते हैं।

घर में गंगाजल रखने के नियम

गंगाजल हमेशा तांबे या पीतल के पात्र में ही रखना चाहिए। इसे घर के उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में रखना रखना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है। गंगाजल को अंधेरे या गंदे स्थान पर भूलकर भी नहीं रखना चाहिए। इसे कभी भी अपवित्र हाथों से नहीं छूना चाहिए। प्लास्टिक के बर्तन में गंगाजल नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से इसके प्रभाव में कमी आती है।

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