भारत-रूस व्यापारिक रिश्ते या फिर कोई और है वजह
US Tariff On India (आज समाज), नई दिल्ली : भारत के लिए वर्तमान में यदि कोई सबसे बड़ा चिंता का विषय है तो वह है अमेरिका से बिगड़ रहे रिश्ते। दरअसल पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के खिलाफ टैरिफ दरों व अन्य वित्तीय दबाव बनाने के लिए लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। ट्रंप ने जहां 30 जुलाई को भारत के खिलाफ 25 प्रतिशत टैरिफ व जुर्माना लगाए जाने की बात कही थी।
वहीं अब उन्होंने भारतीय फार्मा कंपनियों पर 250 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। ट्रंप यहीं नहीं रुके मंगलवार को एक और बयान जारी करते हुए ट्रंप ने कहा कि वह जल्द ही भारत के खिलाफ भारी टैरिफ लगाने जा रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि भारत एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं है और वह भारी जुर्माने के लिए तैयार रहे।
फरवरी तक बहुत घनिष्ठ से संबंध
भारत और अमेरिका के आपसी संबंधों की बात करें तों इन दोनों के बीच फरवरी 2025 तक बहुत अच्छे व्यापारिक रिश्ते थे। जनवरी में ट्रंप के दोबारा अमेरिका के राष्टÑपति बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शायद विश्व के बड़े देशों के पहले नेता थे जो ट्रंप को बधाई देने पहुंचे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच एक दूसरे के बड़े आर्थिक मददगार बनने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। जिनमें से भारत अमेरिका व्यापार समझौता प्रमुख था।
भारत और अमेरिका के बीच खटास के दो मुख्य कारण
अमेरिका भारत के खिलाफ आर्थिक कार्रवाई करते हए इसके पीछे भारत और रूस के बीच व्यापारिक रिश्तों को प्रमुख कारण बता रहा है। गत दिवस भी ट्रंप ने कहा कि भारत, रूस के साथ व्यापार करके यूक्रेन के खिलाफ रूसी वार मशीन को ईंधन देने का काम कर रहा है। इस वजह से अमेरिका को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। ट्रंप ने कहा कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीद कर ओपन मार्केट में बेच रहा है। भारत को इस बात की कोई परवाह नहीं है कि रूस के हमले से यूक्रेन में कितने लोग मारे जा रहे हैं। इस वजह मैं भारत पर टैरिफ में भारी इजाफा करूंगा।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष और संघर्ष विराम
भारत और अमेरिका के बीच बिगड़ते रिश्तों का प्रमुख कारण भारत और पाकिस्तान के बीच जून में हुआ संघर्ष था। भारत ने पुलवामा हमले के बाद जहां आॅपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई की। वहीं दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बन गई। दोनों की सेनाएं तीन दिन तक एक दूसरे के सामने-सामने रही। जिसके बाद अचानक संघर्ष विराम की घोषणा कर दी गई। इस सबके बीच अचानक अमेरिकी राष्टÑपति का बयान आया कि उन्होंने दोनों देशों को संघर्ष विराम के लिए राजी किया है।
हालांकि पाकिस्तान ने इसके बाद जहां खुलकर अमेरिका का गुणगाण किया और इसका श्रेय अमेरिकी राष्टÑपति ट्रंप को दिया। वहीं भारत की तरफ से इसपर कोई टिप्पणी नहीं आई। पहले प्रधानमंत्री इस मामले में चुप्पी साधे रहे लेकिन विपक्ष के दबाव के बाद उन्होंने ट्रंप के संघर्ष विराम में शामिल होने से इनकार कर दिया। जबकि पाकिस्तान ने शांति बहाली का श्रेय देते हुए उसे शांति का नोबल पुरस्कार देने की मांग तक कर डाली। जिसके बाद अमेरिकी राष्टÑपति का भारत के प्रति रुख बदल गया और उन्होंने टैरिफ सहित अन्य आर्थिक दंड लगाने की घोषणा कर डाली।
ये भी पढ़ें : Share Market Update : बिकवाली के चलते शेयर बाजार में गिरावट