US Pak Relations: यूएस का पाकिस्तान को नई आधुनिक मिसाइलें देने से इनकार

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (फाइल फोटो)।

America Pakistan Relations, (आज समाज), वाशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका ने हाल के महीनों में पाकिस्तान को कई क्षेत्रों में मदद देने के आश्वासन के बीच बड़ा झटका दिया है। वाशिंगटन ने कहा है कि पाकिस्तान को कुछ हथियारों के उपकरण दिए जाएंगे लेकिन आधुनिक मिसाइलें अथवा किसी तरह का नए हथियारों की डिलीवरी नहीं की जाएगी। यूएस की और से उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया गया जिनमें कहा गया था कि देश ने पाकिस्तान को अत्यधिक उन्नत AIM-120 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की बिक्री को मंज़ूरी दे दी है।

अमेरिकी दूतावास ने जारी किया स्पष्टीकरण

अमेरिकी दूतावास ने आज सुबह स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि इस संदर्भित अनुबंध संशोधन का कोई भी हिस्सा पाकिस्तान को नई उन्नत मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (AMRAAM) की आपूर्ति के लिए नहीं है। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि दूतावास ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों में जिस अनुबंध का ज़िक्र किया जा रहा है, वह पाकिस्तान सहित कई देशों के लिए रखरखाव और पुर्जों के लिए है। इसका संभावित अर्थ यह हो सकता है कि अनुबंध में उन मिसाइल भंडारों की पुनःपूर्ति शामिल हो सकती है जिनका पाकिस्तान ने हाल ही में उपयोग किया होगा।

अमेरिका का स्पष्टीकरण इसलिएमहत्वपूर्ण

आपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को नए हथियारों की आपूर्ति को लेकर अमेरिका का स्पष्टीकरण महत्वपूर्ण हो जाता है, जहां भारतीय और पाकिस्तानी सेनाएं हवाई युद्ध में उलझी हुई थीं। पिछले कुछ दिनों में, कई मीडिया संस्थानों और क्षेत्रीय प्रकाशनों की रिपोर्टों में बताया गया कि पाकिस्तान को अमेरिका से एआईएम-120 एएमआरएएएएम मिसाइलें मिलने की संभावना है, जो संभवत: उसके एफ-16 बेड़े को मजबूत करेंगी और क्षेत्रीय हवाई संतुलन को बदल देंगी।

रिपोर्टों ने दी थी इन अटकलों को हवा 

मीडिया व प्रशासन की रिपोर्टों ने अटकलों को हवा दी कि दोनों देशों के नेताओं के बीच बढ़ते संबंधों के बीच अमेरिका पाकिस्तान को क्षमता उन्नयन की पेशकश कर रहा है। हालांकि, अमेरिकी दूतावास का बयान इन बातों का सीधा खंडन है। यह इस बात पर जोर देता है कि यह अनुबंध स्थायी प्रकृति का है, जिसका उद्देश्य मौजूदा प्रणालियों को बढ़ाने के बजाय उनका समर्थन करना है, इस प्रकार यह वाशिंगटन की इस धारणा के प्रति संवेदनशीलता का संकेत देता है कि यह क्षेत्रीय सैन्य संतुलन को प्रभावित कर सकता है।

अनुबंध हवाई युद्ध क्षमताओं की नई बिक्री का प्रतिनिधित्व नहीं 

अमेरिकी युद्ध विभाग द्वारा 41.7 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के अनुबंध संशोधन को रेथियॉन मिसाइल्स एंड डिफेंस को AMRAAM C-8 और D-3 वेरिएंट के निरंतर उत्पादन के लिए दिया गया था। इससे अनुबंध का कुल मूल्य लगभग 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाता है और कार्य 30 मई, 2030 तक पूरा होने वाला है। इस अनुबंध में पाकिस्तान को शामिल करना 30 से अधिक सहयोगी देशों से जुड़े एक व्यापक विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम का हिस्सा है। अमेरिकी  दूतावास ने जोर देकर कहा कि यह अनुबंध पाकिस्तान की हवाई युद्ध क्षमताओं की नई बिक्री या वृद्धि का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। ऐसी घोषणाएं अमेरिकी रक्षा खरीद में एक मानक प्रक्रिया हैं, जिसमें कई देशों में अद्यतन, स्पेयर पार्ट्स और रखरखाव शामिल हैं।

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