राम नगरी अयोध्या में शोक की लहर
Bimalendra Mohan Pratap Mishra No More, (आज समाज), लखनऊ: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख सदस्य और अयोध्या के पूर्व राजपरिवार के वंशज बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा (Bimalendra Mohan Pratap Mishra) का निधन हो गया है। वह 75 वर्ष के थी और उन्होंने शनिवार देर रात अपने आवास पर अंतिम सांस ली। बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के छोटे भाई शैलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र चुन्नू ने यह जानकारी दी। बिमलेंद्र मोहन के निधन से राम नगरी अयोध्या में शोक की लहर दौड़ गई।
कई महीनों से अस्वस्थ थे बिमलेंद्र मोहन
बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के छोटे भाई शैलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने उनके निधन की जानकारी दी। शैलेंद्र ने बताया कि पैर में लगी चोट के कारण बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा कई महीनों से अस्वस्थ थे, जिसके लिए उन्हें सर्जरी करवानी पड़ी थी। दोस्तों और परिवार ने बताया कि वह इस सर्जरी के बाद कभी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए।
रात 11 बजे अचानक कम हुआ ‘राजा अयोध्या’ का रक्तचाप : शैलेंद्र
बिमलेंद्र के छोटे भाई और पूर्वांचल के सबसे बड़े महाविद्यालय साकेत महाविद्यालय की प्रबंध समिति के संरक्षक शैलेंद्र मोहन ने बताया कि रात 11 बजे राजा अयोध्या (Raja Ayodhya) का रक्तचाप अचानक कम हो गया। परिवार के सदस्यों ने उन्हें इलेक्ट्रोलाइट्स और अन्य दवाइयां दीं। अयोध्या धाम के श्री राम अस्पताल से पारिवारिक चिकित्सक बीडी त्रिपाठी को भी बुलाया गया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी।
ट्रस्ट के पहले वरिष्ठ सदस्य थे बिमलेंद्र मोहन
बिमलेंद्र मोहन बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा के अनुसार गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पहले वरिष्ठ सदस्य थे। उनके करीबी लोग और प्रशासनिक अमला शनिवार देर रात उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचा।
संक्षिप्त रहा मिश्रा का राजनीतिक जीवन
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के बाद बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा को राम मंदिर का ‘रिसीवर’ नियुक्त किया गया था। पहले यह जिम्मेदारी अयोध्या कमिश्नर के पास थी। मंदिर ट्रस्ट में अपने योगदान के अलावा, मिश्रा का राजनीतिक जीवन भी संक्षिप्त रहा। उन्होंने 2009 का संसदीय चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार के रूप में फैजाबाद से लड़ा। हालांकि वह इसमें हार गए थे।
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