US Tariff : भारतीय फार्मा सेक्टर को ट्रंप ने दिया झटका

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US Tariff : भारतीय फार्मा सेक्टर को ट्रंप ने दिया झटका
US Tariff : भारतीय फार्मा सेक्टर को ट्रंप ने दिया झटका

250 प्रतिशत टैरिफ लगाने की अमेरिकी राष्ट्रपति ने दी धमकी

US Tariff Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका द्वार कल से भारत पर लागू की जा रही 25 प्रतिशत की दर के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति का एक और बड़ा बयान सामने आया है। इस बार उन्होंने एक बार फिर से भारत के साथ नाराजगी जताते हुए भारतीय दवा कंपनियों पर 250 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही है। गत दिवस एक इंटरव्यू में ट्रंप ने इस बात की घोषणा की। ट्रंप ने कहा कि वे शुरू में फार्मास्युटिकल्स पर छोटा टैरिफ लगाएंगे, लेकिन फिर इसे एक से डेढ़ साल में बढ़ाकर 150% और फिर 250% कर देंगे।

अपने इस फैसले के पीछे सफाई देते हुए ट्रंप ने कहा कि हम चाहते हैं कि अमेरिका अपनी क्षमता के अनुरूप करे और ज्यादा से ज्यादा मेडिकल उत्पाद अमेरिका में ही तैयार किए जाएं। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका फार्मा प्रोडक्ट्स के लिए बहुत ज्यादा विदेशों पर निर्भर है, खासकर भारत और चीन पर। अमेरिका का बहुत ज्यादा पैसाा इन देशों से दवा खरीदने में लगता है जबकि ये देश बहुत ज्यादा मुनाफ कमा रहे हैं। अमेरिका के इस फैसले से अब भारत को भी टैरिफ के माध्यम से अमेरिका को मोटी रकम चुकानी पड़ेगी।

भारत के फार्मा उद्योग पर बुरा असर पड़ेगा

ज्ञात रहे कि भारतीय फार्मा उद्योग के लिए अभी तक अमेरिका एक बड़ा बाजार रहा है। अभी तक मामूली टैरिफ के आधार पर भारत इसे बड़ा निर्यात करता आया है। अब अमेरिकी राष्टÑपति के इस फैसले से भारतीय फार्मा सेक्टर पर बुरा असर पड़ सकता है। अमेरिका भारत से जेनेरिक दवाइयां, वैक्सीन और एक्टिव इंग्रेडिएंट्स खरीदता है। 2025 में अमेरिका को भारत का फार्मास्युटिकल निर्यात 7.5 अरब डॉलर (करीब 65 हजार करोड़ रुपए) से ज्यादा रहा। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली सभी जेनेरिक दवाओं की लगभग 40% भारत से आती हैं।

दवाओं पर टैरिफ से भारतीय कंपनियों को नुकसान

अगर ट्रम्प दवाओं पर टैरिफ को 250% तक बढ़ाते हैं, तो भारतीय कंपनियों को अमेरिका में अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें दोगुनी करनी पड़ेंगी। इससे कंपनियों के मुनाफे में भारी कमी आएगी। नुकसान से बचने के लिए भारतीय फार्मा कंपनियां अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर विचार कर सकती हैं।

अमेरिका से व्यापार समझौते के प्रयास जारी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के साथ रूस से तेल-ऊर्जा आयात पर अतिरिक्त जुर्माना लगाने की घोषणा की थी। हालांकि इसके बाद जब इससे संबंधित कार्यकारी आदेश जारी किए गए तब इस सूची में इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोलियम उत्पाद पर चुप्पी साध ली गई। आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत की तरह अमेरिका को भी द्विपक्षीय व्यापार समझौता मामले में अंतिम नतीजे पर पहुंचने और वार्ता के जरिए बीच का रास्ता निकलने का भरोसा है। यही कारण है कि कार्यकारी आदेश में जरूरी वस्तुओं पर टैरिफ को बाहर रखा गया है और जुर्माने के बारे में चुप्पी साध ली गई।

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