रिपोर्ट में किया गया दावा, वर्तमान में डॉलर के मुकाबले रुपया 91 रुपए से नीचे
Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : वर्तमान समय में डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा लगातार गिरावट में जा रही है। स्थिति यह है कि एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 91 रुपए से ज्यादा गिरावट में है। भारतीय मुद्रा के गिरते स्तर का नुकसान देश के आयात में हो रहा है वहीं शेयर बाजार से विदेशी निवेशक लगातार धन निकाल रहे हैं। जिससे शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है। वहीं सोने और चांदी के मुल्य भी आसमान छू रहे हैं। वहीं स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की हालिया जारी रिपोर्ट में इस सब को नकारा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपए में जारी गिरावट अस्थाई है और यह जल्द वापसी करते हुए डॉलर के सामने मजबूती से खड़ा होगा।
रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई
रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है कि रुपये में मौजूदा कमजोरी के बावजूद अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मजबूती से वापसी करने की संभावना हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपया फिलहाल अवमूल्यन के दौर से गुजर रहा है, लेकिन भविष्य में इसमें सुधार देखा जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रुपये की चाल पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) का बड़ा असर हुआ करता था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।
रुपए में गिरावट का यह भी कारण बताया
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 से पहले तक मजबूत पोर्टफोलियो इनफ्लो ही रुपये की दिशा तय करने का प्रमुख कारण थे। हालांकि अब वैसी बड़ी पूंजी आमदनी उपलब्ध नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं, खासतौर पर व्यापार समझौतों में देरी, रुपये को प्रभावित करने वाले सबसे अहम कारक बन गई हैं। इसमें कहा गया कि आसान और बड़े पूंजी प्रवाह का दौर खत्म हो चुका है और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता हावी है। आंकड़ों के अनुसार, 2007 से 2014 के बीच भारत में शुद्ध पोर्टफोलियो इनफ्लो औसतन 162.8 अरब डॉलर रहा। इसके मुकाबले 2015 से 2025 के दौरान यह घटकर 87.7 अरब डॉलर रह गया है।
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