Supreme Court on Wakf Board : वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों की संख्या अधिकत्तम तीन होगी : सुप्रीम कोर्ट

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Supreme Court on Wakf Board : वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों की संख्या अधिकत्तम तीन होगी : सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court on Wakf Board : वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों की संख्या अधिकत्तम तीन होगी : सुप्रीम कोर्ट

वक्फ संशोधन कानून पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, कहा, कानून पर केवल दुर्लभतम मामलों में ही रोक जरूरी

Supreme Court on Wakf Board (आज समाज), नई दिल्ली : वक्फ घोषित की गई संपत्तियों पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा है कि कानून पर केवल दुर्लभतम मामलों में ही रोक लगाई जा सकती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषदों में गैर-मुस्लिमों की संख्या तीन से अधिक नहीं हो सकती। अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि हमने प्रत्येक धारा को दी गई चुनौती पर प्रथम दृष्टया विचार किया है और पाया है कि पूरे कानून पर रोक लगाने का कोई मामला नहीं बनता।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रावधान पर रोक लगा दी है, जिसके अनुसार पिछले पांच वर्षों से इस्लाम का पालन करने वाले व्यक्ति ही वक्फ बना सकते हैं। कोर्ट ने कहा है कि यह प्रावधान तब तक स्थगित रहेगा, जब तक यह तय करने के लिए नियम नहीं बन जाते कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं।

पांच अप्रैल को राष्ट्रपति ने दी थी मंजूरी

केंद्र सरकार ने आठ अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया था। इससे पहले पांच अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अधिनियम को मंजूरी दी थी। लोकसभा और राज्यसभा ने क्रमश: तीन और चार अप्रैल को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित किया था।

तीन दिन तक लगातार हुई थी सुनवाई

आदेश सुरक्षित रखने से पहले बेंच ने तीन दिनों तक लगातार सुनवाई की थी, जिसमें संशोधित वक्फ कानून को चुनौती देने वाले वकीलों और केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनी गईं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पहले ही इन तीन प्रमुख मुद्दों की पहचान कर ली थी, जिन पर याचिकाकतार्ओं ने रोक लगाने की मांग की थी और जिन पर कोर्ट अब अंतरिम आदेश देने जा रही है।

याचिका में यह सवाल उठाए गए थे

याचिका दाखिल करने वालों ने डिनोटिफिकेशन के मुद्दे के अलावा राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद के ढांचे पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इन संस्थाओं को सिर्फ मुसलमानों द्वारा ही चलाया जाना चाहिए, सिर्फ वे लोग छोड़कर जो अपने सरकारी पद की वजह से अपने-आप सदस्य बनते हैं। तीसरा मुद्दा एक ऐसे प्रावधान से जुड़ा है, जिसमें कहा गया है कि यदि जिला कलेक्टर यह जांच कर रहा हो कि कोई संपत्ति सरकारी जमीन है या नहीं, तो उस समय उस संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा।

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