Punjab News Update : सुखबीर बादल अपनी गलतियां स्वीकार करें : आप

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Punjab News Update : सुखबीर बादल अपनी गलतियां स्वीकार करें : आप
Punjab News Update : सुखबीर बादल अपनी गलतियां स्वीकार करें : आप

कहा, अकाली दल-भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार, अक्षमता और कर्ज की विरासत छोड़ी

Punjab News Update (आज समाज), चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रवक्ता नील गर्ग ने प्रदेश की पूर्व अकाली दल-भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने भ्रष्टाचार, अक्षमता और कर्ज की विरासत छोड़ी है। आप प्रवक्ता ने कहा कि हमें यह गंदगी विरासत में मिली है और हम इसे साफ कर रहे हैं। गर्ग ने कहा कि अकाली-भाजपा शासन के तहत, उद्योगों से 8.75 प्रति यूनिट (शुल्क सहित) लिया जाता था एवं उन्हें लगातार अनिर्धारित बिजली कटौती का सामना करना पड़ता था और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का भी सामना करना पड़ता था।

इसके विपरीत आप सरकार ने सस्ती बिजली, बिजली कटौती से मुक्ति, पारदर्शी शासन, किसानों, स्कूलों, अस्पतालों और रोजगार को मुफ्त बिजली देने को प्राथमिकता दी है। आज 90 प्रतिशत से ज्यादा छोटे उद्योग सब्सिडी वाली बिजली का लाभ उठा रहे हैं। वहीं बिजली कटौती भी दुर्लभ है और हमेशा पहले से ही इसकी घोषणा की जाती है। किसानों के लिए भी मुफ़्त और निर्बाध बिजली सुनिश्चित की गई है, जिससे पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था को काफी फायदा हुआ है।

सुखबीर बादल जनता में फैला रहे भ्रम

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा पंजाब में बिजली दरों और औद्योगिक नीतियों के बारे में किए गए भ्रामक दावों का दृढ़तापूर्वक खंडन किया है। नील गर्ग गर्ग ने अकाली-भाजपा शासन के खराब ट्रैक रिकार्ड पर प्रकाश डाला और भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार की परिवर्तनकारी शासन के साथ तुलना की। गर्ग ने कहा कि जिस डे टैरिफ पर सुखबीर बादल विलाप कर रहे हैं, उसे 2017 में कांग्रेस सरकार के दौरान पेश किया गया था।

गर्ग ने बादल के आरोपों को निराधार बताया और उनसे अकाली-भाजपा सरकार की विफलताओं को स्वीकार करने को कहा, जिसमें भ्रष्टाचार और मनमानी नीतियों के जरिए व्यवसायों को परेशान करना शामिल है। गर्ग ने कहा कि पंजाब के लोग आसानी से झूठ से प्रभावित नहीं होते। अकाली दल ने अपने झूठे वादों से सुर्खियां बटोरीं जबकि हम वादे पूरे करके इतिहास बना रहे हैं। इसलिए सुखबीर बादल आप सरकार को कोसने के बजाए अपनी सरकार की विफलताओं पर सोचना चाहिए।

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