Sonbhadra Accident: ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में शनिवार दोपहर एक बड़ा हादसा हुआ। ड्रिलिंग के दौरान, एक पत्थर की खदान अचानक धंस गई, जिससे एक मज़दूर की मौके पर ही मौत हो गई। मलबे में लगभग 15 मज़दूरों के दबे होने की आशंका है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुँचीं और बचाव अभियान शुरू किया। अब तक एक शव बरामद किया गया है, जबकि फंसे हुए मज़दूरों तक पहुँचने के प्रयास जारी हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के समय खदान के अंदर 15 से ज़्यादा मज़दूर काम कर रहे थे। ब्लास्ट होल ड्रिल करने के लिए नौ कंप्रेसर मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा था, तभी खदान की दीवार का एक बड़ा हिस्सा बिना किसी चेतावनी के ढह गया।
इलाके में दहशत
मुख्यमंत्री के पास ही एक आधिकारिक कार्यक्रम से जाने के बमुश्किल आधे घंटे बाद यह हादसा हुआ, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। डीएम और एसपी समेत वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुँचे। हालाँकि दो मज़दूरों की मौत की अफ़वाहें फैलीं, लेकिन अधिकारियों ने अभी तक किसी और मज़दूर की मौत की पुष्टि नहीं की है।
मुख्यमंत्री के निर्धारित दौरे के कारण विस्फोट कार्य रोक दिया गया था, इसलिए मज़दूर ओबरा के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पास कृष्णा माइनिंग को आवंटित खदान में केवल ब्लास्ट होल ही बना रहे थे।
परिवार के लोग घटनास्थल की ओर दौड़े
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नौ कंप्रेसर मशीनें और 18 से ज़्यादा मज़दूर काम पर लगे थे, तभी दोपहर लगभग 2:30 बजे खदान की दीवार का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। मलबा लगभग 150 फीट नीचे गिर गया, जिससे कई मज़दूर दब गए।
मज़दूरों के मदद के लिए दौड़ते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई। पास की अल्ट्राटेक, ओबरा और अन्य परियोजनाओं से बचाव दल भी बचाव कार्य में शामिल हो गए। ज़िला मजिस्ट्रेट बद्रीनाथ सिंह, पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अभियान की निगरानी की। राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया।
ज़्यादातर फंसे हुए मज़दूर पनारी गाँव के हैं। ग्राम प्रधान के पति लक्ष्मण यादव ने दावा किया कि दो ग्रामीणों की मौत हो गई है, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। बचावकर्मी पोकलेन मशीनों से मलबा हटाते रहे,
लेकिन खदान की गहराई बड़ी चुनौती बनी रही। जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने कहा, “कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को बुलाया गया है। मलबा साफ होने के बाद ही सही स्थिति स्पष्ट होगी। पूरी जाँच की जाएगी।”
राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड ने कहा, “बिरसा मुंडा जयंती पर ऐसी घटना बेहद दुखद है। काम रोकने के पूर्व आदेश के बावजूद, काम कैसे और क्यों जारी रहा, इसकी जाँच होनी चाहिए। कार्रवाई की जाएगी।”
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