Karur stampede case update : करूर भगदड़ केस की जांच के लिए एसआईटी गठित

0
69
Karur stampede case update : करूर भगदड़ केस की जांच के लिए एसआईटी गठित
Karur stampede case update : करूर भगदड़ केस की जांच के लिए एसआईटी गठित

अभिनेता से नेता बने विजय की रैली में भगदड़ मचने से 41 लोगों की गई थी जान

Karur stampede case update  (आज समाज), चेन्नई : चेन्नई के करूर में तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) पार्टी के सुप्रीमो विजय की रैली में हुई भगदड़ मामले की जांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी असरा गर्ग के नेतृत्व में एसआईटी करेगी। गर्ग वर्तमान में उत्तरी क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक हैं। यह आदेश मद्रास हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश की पीठ ने देते हुए टीवीके पदाधिकारियों को लताड़ भी लगाई।

इसके साथ ही न्यायालय ने इस घटना की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को भी खारिज कर दिया। यह याचिका भाजपा नेता उमा आनंदन ने 27 सितंबर को दायर की थी। आपको बता दें कि 27 सितंबर को करूर में अभिनेता-राजनेता विजय की जनसभा थी। इस जनसभा में विजय करीब 7 घंटे देरी से पहुंचे। गर्मी में लोग भूख और प्यास से परेशान थे। वहीं जब विजय भाषण दे रहे थे तो छोटी से बात से भगदड़ मच गई और भीड़ बेकाबू होते हुए एक दूसरे को लताड़ते हुए इधर-उधर भागने लगी। इस अचानक हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई और 60 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

विजय ने की थी मुआवजे की घोषणा

इस भगदड़ के बाद विजय तुरंत मौके से निकल गए थे। हालांकि बाद में उन्होंने इस घटना को लेकर अगले दिन एक भावुक घोषणा करते हुए रैली में मारे गए लोगों के परिवारों को 20 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी लेकिन यह घोषणा सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी। विजय ने साफ शब्दों में कहा कि पैसा किसी भी परिवार के दर्द को कम नहीं कर सकता। आपको जो नुकसान हुआ है, उसके लिए यह कोई बड़ी रकम नहीं है। मुझे पता है कि आपके नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती। यह एक अपूर्णीय क्षति है। हालांकि, इस घड़ी में आपके साथ खड़ा होना और आपका दुख साझा करना मेरा कर्तव्य है।

रैली को लेकर यह लापरवाही आई थी सामने

रैली में भगदड़ के बाद पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया था कि रैली में जितने लोगों के पहुंचने की अनुमति ली गई थी वास्तव में उससे कहीं ज्यादा लोग एकत्रित हो गए थे। वहीं विजय का रैली में कई घंटे तक देरी से आना भी भीड़ के बढ़ने के पीछे की मुख्य वजह थी। वहीं जगह कम और भीड़ ज्यादा होने और विजय की झलक पाने के लिए लोगों में भगदड़ मच गई जिसके चलते 41 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए।