
प्रदोष व्रत करने से जाने-अनजाने में किए गए पाप होते हैं नष्ट
Pradosh Vrat Natraj Stuti, (आज समाज), नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में आने वाली त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस प्रकार यह व्रत हर महीने में दो बार किया जाता है। भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए प्रदोष व्रत पुरुषों और महिलाओं दोनों ही द्वारा किया जाता है। पुराणों में भी प्रदोष व्रत का महात्म्य बताया गया है जिससे साधक के जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो सकते हैं।
इस व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। ऐसे में आप इस दिन भगवान शिव की पूजा के दौरान नटराज स्तुति का पाठ कर सकते हैं। इससे आपको महादेव और माता पार्वती की कृपा की प्राप्ति हो सकती है।
नटराज स्तुति
सत सृष्टि तांडव रचयिता
नटराज राज नमो नम:।
हे आद्य गुरु शंकर पिता
नटराज राज नमो नम:॥
गंभीर नाद मृदंगना
धबके उरे ब्रह्माडना।
नित होत नाद प्रचंडना
नटराज राज नमो नम:॥
शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा
चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां।
विषनाग माला कंठ मां
नटराज राज नमो नम:॥
तवशक्ति वामांगे स्थिता
हे चंद्रिका अपराजिता।
चहु वेद गाए संहिता
नटराज राज नमो:॥
पूजा में जरूर करें ये काम
शुक्र प्रदोष व्रत के दिन पूजा का मुहूर्त शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात 8 बजकर 43 मिनट तक रहने वाला है। इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत रूप से पूजा करनी चाहिए।
साथ ही आप भगवान शिव को बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, दूध, दही, शहद, घी और जल अर्पित करें। पूजा करते समय ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप भी जरूर करना चाहिए। इससे महादेव प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाएं रखते हैं।
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