पंजाब कैबिनेट ने फसल नुकसान के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपए मुआवजे को मंजूरी दी
Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने आज किसानों के लिए फसल नुकसान के मुआवजे की राशि को बढ़ाकर प्रति एकड़ 20,000 रुपए करने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले को मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण क्षतिग्रस्त फसलों और घरों के नुकसान के लिए प्रभावित लोगों को उचित राहत प्रदान करने के लिए, मंत्रिमंडल ने नुकसान की भरपाई के लिए राज्य के बजट से मुआवजा देने हेतु संशोधित राहत राशि की दरों को कार्योत्तर मंजूरी दे दी।
इस साल राज्य को भयंकर बाढ़ का सामना करना पड़ा, जिसके कारण राहत राशि में वृद्धि का फैसला लिया गया। इस फैसले के तहत 26 से 75 प्रतिशत तक फसल नुकसान के लिए प्रति एकड़ 10,000 रुपए और 76 से 100 प्रतिशत तक नुकसान के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपए मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए प्रति घर 40,000 रुपए दिए जाएंगे, जबकि पहले यह राशि केवल 6,500 रुपये प्रति एकड़ थी।
पंजाब माइनर मिनरल रूल्स-2013 में संशोधन को मंजूरी
अंतरराज्यीय चेकपोस्टों के संचालन को सुचारू बनाने के लिए मंत्रिमंडल ने पंजाब माइनर मिनरल रूल्स, 2013 में संशोधन को मंजूरी दे दी, जिससे राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों, जो प्रोसेस्ड या अनप्रोसेस्ड छोटे खनिज पदार्थ (माइनर मिनरल्स) ले जा रहे हों, पर शुल्क लगाया जा सकेगा। इससे विभाग द्वारा अंतरराज्यीय चेकपोस्टों पर होने वाले संचालन लागत को पूरा करने में मदद मिलेगी। साथ ही, इन चेकपोस्टों के सिस्टम को और मजबूत व प्रभावी बनाने में भी सहायता मिलेगी, जिससे उनकी देखभाल और रखरखाव में मदद मिलेगी।
सहकारी कमेटियों के लिए स्थान आवंटन को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने ग्रुप हाउसिंग स्कीम-2025 के तहत बहुमंजिला फ्लैटों के निर्माण के लिए सहकारी कमेटियों को स्थान आवंटन की नीति को भी मंजूरी दे दी। इस नीति का उद्देश्य सहकारी हाउसिंग कमेटियों को सुविधा प्रदान करके पंजाब के शहरी क्षेत्रों में किफायती और योजनाबद्ध आवास को सुनिश्चित करना है। यह फैसला भूमि आवंटन के लिए पारदर्शी, निष्पक्ष और संरचनात्मक ढांचा प्रदान करता है, जिससे राज्य के शहरी नियोजन लक्ष्यों के अनुरूप समयबद्ध निर्माण और विकास सुनिश्चित किया जा सके।
मेगा हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की नीति
प्रमोटरों को होने वाली कठिनाइयों और आम लोगों को राहत देने के लिए मंत्रिमंडल ने विभिन्न विकास प्राधिकरणों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मेगा हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की नीति को मंजूरी दे दी। प्रोजेक्ट के विकास के लिए लागू अवधि और पहले से स्वीकृत प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की तारीख को 31 दिसंबर, 2025 से अधिकतम पांच वर्ष की अवधि के लिए, प्रमोटर के अनुरोध पर 25,000 रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से केवल एक बार विस्तार की अनुमति दी जाएगी। लागू अवधि में विस्तार के लिए दी गई मंजूरी के लिए भुगतान पहले जमा करना होगा, और इसके बाद लागू अवधि में किसी भी विस्तार की अनुमति नहीं होगी।
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