Police Constable Suicide: गुरुग्राम में कैबिनेट मंत्री की कोठी पर तैनात पुलिस कांस्टेबल ने की आत्महत्या

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Police Constable Suicide: गुरुग्राम में कैबिनेट मंत्री की कोठी पर तैनात पुलिस कांस्टेबल ने की आत्महत्या
Police Constable Suicide: गुरुग्राम में कैबिनेट मंत्री की कोठी पर तैनात पुलिस कांस्टेबल ने की आत्महत्या

परिवार के सोशल बायकॉट से परेशान था जगबीर सिंह
Police Constable Suicide, (आज समाज), गुरुग्राम: हरियाणा के गुरुग्राम स्थित कैबिनेट मंत्री राव नरबीर की कोठी पर तैनात एक एक पुलिस कांस्टेबल द्वारा आत्महत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस कांस्टेबल सरकारी बंगले के गार्ड रूम में तैनात था। मंगलवार सुबह दूसरे सहकर्मी में उसे बेहोशी की हालात में पड़े पाया तो मंत्री और पुलिस को जानकारी दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। कांस्टेबल को अस्पताल ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान झज्जर जिले के भूरावास गांव के रहने वाले जगबीर सिंह के रूप में हुई।

जगबीर सिंह सेना से रिटायर होने के बाद पुलिस में भर्ती हुआ था। वहीं जानकारी सामने आई है कि जगबीर का भतीजा चार माह पहले अपने ही गौत्र की लड़की को ले गया था। इसी वजह से गांव के लोगों ने पंचायत कर जगबीर के परिवार का बहिष्कार कर दिया था, जिसकी वजह से वह परेशान था। दो दिन की छुट्टी लेकर वह गांव गया और माफी भी मांगी थी।

अपने ही गौत्र की लड़की को भगाकर ले गया था जगबीर का भतीजा

गांव भूरावास के सरपंच जयभगवान ने बताया कि जगबीर के तीन भाई और है। करीब चार माह पहले जगबीर का भतीजा गांव से अपने ही गौत्र की लड़की को भगाकर ले गया था। लड़की के परिवार ने 15 सितंबर को आॅनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें जगबीर का नाम भी शामिल था। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी। दोनों पक्षों को थाने भी बुला कर बयान दर्ज किए थे।

ग्रामीणों ने जगबीर के परिवार का समाज से कर दिया बहिष्कार

सरपंच जयभगवान ने बताया कि मामला सामने आने के बाद कई बार पंचायत हुई। कहा गया कि लड़का-लड़की वापस आ जाए। इसके बाद भी जब दोनों वापस घर नहीं आए तो ग्रामीणों ने उनके परिवार का समाज से बहिष्कार कर दिया। गांव वालों ने जगबीर के परिवार से कोई नाता नहीं रखा। बोलचाल और आना-जाना भी बंद हो गया।

जगबीर ने गांव के लोगों से मांगी माफी

सरपंच जयभगवान के मुताबिक, इस फैसले के बाद जगबीर अपने रिश्तेदारों से भी मिला था। वह गांव भी आया था। उसने गांव के लोगों से माफी भी मांगी थी। कहा कि इस मामले से उसका कोई लेना-देना नहीं है। इसी वजह से वह परेशान था। साल्हावास थाना के एसएचओ हरेश कुमार ने बताया कि बहिष्कार करने का कोई मामला सामने नहीं आया। अंदरूनी तौर पर किसी ने कुछ किया है तो उसकी कोई शिकायत नहीं आई।

नाम बदलकर नौकरी पाने का भी आरोप

इसी दौरान एक व्यक्ति ने जगबीर के खिलाफ थाने में शिकायत दी कि वह जगबीर नहीं दयानंद है और इसने अपने भाई के नाम पर आर्मी में नौकरी हासिल की थी। इसके बाद थाना प्रभारी हरेश कुमार ने 20 सितंबर को जगबीर को थाने बुलाया था। जगबीर ने अपने बयान में बताया था कि वहीं जगबीर है और उसी ने मैट्रिक की थी।

थाना प्रभारी ने मांगे डॉक्यूमेंट

जगबीर ने बताया पहले उसका नाम दयानंद था, बाद में उसने अपना नाम बदलकर जगबीर करवाया था। उसी आधार पर उसकी आर्मी में नौकरी लगी थी। थाना प्रभारी मुताबिक, नाम बदलवाने से संबंधित जगबीर से डॉक्यूमेंट भी मांगे गए थे। उस समय जगबीर ने कहा था कि वह ढूंढकर जमा करवा देगा। उस मामले पर जांच जारी है।

पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव

सिविल लाइन थाना एसएचओ कृष्ण ने बताया कि रात को ढाई बजे की घटना है। सुबह पांच बजे हमें सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। सुबह आठ बजे आवश्यक कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमॉर्टम हाउस भिजवाया गया।

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