Punjab-Haryana High Court: पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा देने वाली याचिका खारिज

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Punjab-Haryana High Court: पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा देने वाली याचिका खारिज
Punjab-Haryana High Court: पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा देने वाली याचिका खारिज

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा- कोर्ट नई नीतियां नहीं बना सकता। ये काम सरकार का है
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: जम्मू-कश्मीर में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा देने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि कोर्ट नई नीतियां नहीं बना सकता। ये काम सरकार का है।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की बैच ने यह फैसला सुनाया।

बैंच ने याचिकाकर्ता को यह भी कहा कि वह अपनी मांग या शिकायत उचित अधिकारी या अथॉरिटी को लिखकर दे। इसके बाद 30 दिन के अंदर उसकी मांग पर विचार किया जाएगा। दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में करनाल के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की भी मौत हुई थी। वह अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून पर गए हुए थे।

आतंकियों ने धर्म पूछकर मारी गोली, सैनिक की तरह होना चाहिए मृतकों का सम्मान

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस शील नागू ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या उन्हें शहीद घोषित करना अनुच्छेद 226 के अंतर्गत आता है? अगर ऐसा है तो उदाहरण देकर बताइये। क्या कोर्ट ऐसा फैसला ले सकती है? यह फैसला तो सरकार को लेना चाहिए, क्योंकि यह उनका काम है। इसका जवाब देते हुए याचिकाकर्ता एडवोकेट आयुष आहूजा ने कहा कि निर्दोष पर्यटकों को धर्म के नाम पर आतंकवादियों ने सिर पर गोली मार दी, उन्हें एक सैनिक की तरह उनका सामना करना चाहिए।

कोर्ट ने 6 मई को फैसला रखा था सुरक्षित

हालांकि, चीफ जस्टिस शील नागू ने पहले सुनवाई के दौरान कहा था कि भले ही कोई सैनिक मर जाए, उन्हें पुरस्कार के लिए विचार किया जाना चाहिए, लेकिन यह तुरंत नहीं दिया जाता है। इसमें समय लगता है। आमतौर पर कम से कम एक साल का टाइम हो जाता है। इस मामले में भी फैसला सुनाएंगे। इसके बाद 6 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।

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