Panchkula News : जातीय हिंसा की चपेट में दलित युवा: स्टेटस लगाने पर पंचकूला बस स्टैंड पर मारपीट, छह पर एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज

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Dalit youth in the grip of caste violence Violence at Panchkula bus stand over putting status, case registered against six under SC-ST Act
  • पहले भी घोड़ी पर चढ़ने और छेड़खानी को लेकर दर्ज हुई थी एफआईआर, अब फिर तनाव की स्थिति

Panchkula News (पंचकूला) : हरियाणा के पंचकूला जिले में एक बार फिर जातीय भेदभाव और हिंसा का मामला सामने आया है। मंगलवार सुबह नांगल गांव के रहने वाले दलित समाज के दो युवक, जो सेक्टर 14 स्थित आईटीआई कॉलेज में पढ़ाई करते हैं, उन्हें पंचकूला बस स्टैंड पर क्षेत्रीय समाज के युवकों ने सिर्फ मोबाइल पर जातीय स्टेटस लगाने के कारण पीट दिया। आरोपियों ने जातिसूचक गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी।

पीड़ित युवकों – हर्ष कुमार और सरबजीत – ने बताया कि जैसे ही वे बस स्टैंड पर पहुंचे, पीछे से कुछ लड़कों ने आवाज लगाई: “गिटलो चमारो, अगर अपने स्टेटस पर जाति लगाओगे तो मार देंगे।” इसके बाद उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया गया। जान बचाने के लिए वे दूसरी दिशा में भागे, लेकिन हमलावरों ने उनका पीछा कर दोबारा हमला किया।

इस मामले में 15–20 लोगों पर केस दर्ज हुआ था, लेकिन सिर्फ दो की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन आरोपी फरार हो चुके थे। दोनों घायल युवकों को सेक्टर 6 अस्पताल में भर्ती कराया गया। मेडिकल के बाद पुलिस ने छह नामजद आरोपियों और अन्य अज्ञात युवकों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट, मारपीट और धमकी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।यह घटना उस तनाव की अगली कड़ी मानी जा रही है, जिसकी शुरुआत 6 अप्रैल को मोहाली गांव में हुई थी। उस दिन दलित समाज के दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ने से रोका गया था और एक दलित लड़की के साथ छेड़छाड़ की गई थी। इस मामले में 15–20 लोगों पर केस दर्ज हुआ था, लेकिन सिर्फ दो की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की।

इसके विरोध में बीते सप्ताह रायपुर रानी के रविदास मंदिर में दलित समाज के लोगों ने एकत्र होकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। इस दौरान भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर आजाद पंचकूला आने वाले थे, लेकिन अंबाला के मुलाना क्षेत्र में उन्हें पुलिस ने रोक लिया था। उन्होंने प्रशासन से 15 दिन का समय मांगा था, जिसे दलित समाज ने मान लिया था।

अब ताजा घटना ने एक बार फिर समाज में जातीय भेदभाव के सवाल को गंभीर बना दिया है। थाना प्रभारी (एसएचओ) ने पुष्टि की है कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।

दलित समाज ने चेतावनी दी है कि यदि आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है।

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