India Action Against Pakistan, (आज समाज), इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के सिंधु नदी संधि को स्थगित रखने व बगलिहार तथा सलाल डैमों के गेट बंद करने के बाद पाकिस्तान ने चिनाब नदी के पानी में कमी दर्ज की गई है। पाकिस्तानी मीडिया में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार मारला हेड वर्क्स में दर्ज चिनाब नदी में पानी का प्रवाह रविवार को 35,000 क्यूसेक से घटकर सोमवार सुबह लगभग 3,100 क्यूसेक रह गया।
पाकिस्तान के पंजाब सिंचाई विभाग के अधिकारी ने की पुष्टि
पाकिस्तान के पंजाब सिंचाई विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को स्थाीय चैनल डॉन न्यूज के साथ बातचीत में पुष्टि की कि रविवार को निर्णय लेने के बाद उन्होंने (भारतीय अधिकारियों ने) चिनाब नदी के बहाव को लगभग नीचे की ओर (पाकिस्तान) रोक दिया है। इसके अलावा, सोमवार को इस्लामाबाद में आयोजित सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण की सलाहकार समिति की बैठक में भी भारत के एकतरफा फैसले पर चिंता व्यक्त की गई, जिससे खरीफ फसलों में अतिरिक्त कमी आएगी, जो पहले से ही अनुमानित 21 प्रतिशत की कमी का सामना कर रही है।
पाक अधिकांश कृषि के लिए नदियों के पानी पर निर्भर
रिपोर्ट के मुताबिक जल नियामक ने शेष शुरुआती खरीफ सीजन के लिए 21 प्रतिशत की कुल कमी घोषित की है, यदि चिनाब नदी में आपूर्ति सामान्य रहती है। हालांकि, स्थिति की दैनिक आधार पर निगरानी की जाएगी और यदि कमी जारी रहती है, तो तदनुसार कमी की समीक्षा की जाएगी। पाकिस्तान अपनी अधिकांश कृषि के लिए सिंचाई की आपूर्ति के लिए इन नदी प्रणालियों पर निर्भर है।
सरकार के कदम को क्षेत्र के निवासियों का पुरजोर समर्थन
जम्मू-कश्मीर के रियासी क्षेत्र से इस बीच सामने आई ताजा तस्वीरों में चिनाब नदी पर सलाल बांध के सभी द्वार बंद दिखाई दिए। रामबन से प्राप्त दृश्यों में चिनाब पर बगलिहार जलविद्युत परियोजना बांध के सभी द्वार भी बंद दिखाई दिए। इस कदम को क्षेत्र के निवासियों का पुरजोर समर्थन मिला है। उन्होंने पाकिस्तान की कार्रवाई की निंदा की है। साथ ही चेतावनी दी है कि लगातार उकसावे से युद्ध हो सकता है और भारत के हालिया उपायों के लिए अपना समर्थन दोहराया है।
आतंकियों ने पहलगाम में कर दी है 26 लोगों की हत्या
आतंकियों ने पहलगाम में 22 अप्रैल को 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी है। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे। इसी के विरोध में भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। इन कदमों में 1960 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल है।
नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित घोषित कर दिया गया और एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया। सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है और यह सुनिश्चित करने की कसम खाई है कि पहलगाम हमले के अपराधियों और मास्टरमाइंड को कड़ी सजा मिले।
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