Maternal forest : अरावली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने की मातृ वन की शुरुआत

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Maternal forest : अरावली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने की मातृ वन की शुरुआत
गुरुग्राम में अरावली क्षेत्र में मातृ वन विकसित करने का शिलान्यास करते केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल, साथ में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव।
  • गुरुग्राम क्षेत्र की अरावली में 750 एकड़ क्षेत्र में मातृ वन विकसित होगा

(Maternal forest) गुरुग्राम। देश की राजधानी तक का पर्यावरण सुधारने के लिए शनिवार को गुरुग्राम की धरती से मातृ वन विकसित करने की शुरुआत हुई। गुरुग्राम क्षेत्र की अरावली में 750 एकड़ क्षेत्र में मातृ वन विकसित करने के लिए केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य तथा ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल व केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसका परियोजना का शिलान्यास किया। उन्होंने यहां पौधे भी लगाए। समारोह की अध्यक्षता हरियाणा के वन, पर्यावरण एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने की।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि दुनिया भर में गुरुग्राम का नाम प्रगति के लिए लिया जाता है, लेकिन अब प्रगति के साथ पकृति से भी जुड़ाव होना चाहिए। आज इस दृढ़ संकल्प की भी आवश्यकता है कि हम न केवल पेड़ लगाएंगे, बल्कि उनकी पांच-छह वर्षों तक देखभाल भी करेंगे।

उन्होंने कहा कि वन में छोटी काबुली कीकर को हटाकर बरगद, पीपल, गुल्लर, बेस पत्र, ईमली, पिलखन, नीम, बांस, फूल व औषधीय पौधे आदि लगाए जाएंगे। साथ ही मातृ वन में नक्षत्र वाटिका, राशि वाटिका, कैक्टस गार्डन व बटरफ्लाई पार्क भी विकसित होंगे। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ मां के नाम लगाने की बात कही है। धरती को हरा-भरा बनाने की इस पहल को हमें अपने संस्कारों में लाना चाहिए।

कार्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण के लिए ऊर्जा क्षेत्र में भी नवाचारों का बढ़ावा दिया जा रहा

उन्होंने बताया कि कार्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण के लिए ऊर्जा क्षेत्र में भी नवाचारों का बढ़ावा दिया जा रहा है। कोयले के स्थान पर हाइड्रो, सोलर, न्यूक्लियर एनर्जी आदि विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा। उन्होंने बताया कि भारत वर्ष 2047 तक अपने ऊर्जा उत्पादन में न्यूक्लियर एनर्जी में 100 गीगा बाइट के उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लेगा। तीन महीने पहले की एक रिपोर्ट में भारत में कोयले से तैयार होनी वाली बिजली 50 फीसदी से कम हो गई है, जबकि नॉन फॉसिल एनर्जी की सीमा 50 फीसद से अधिक हो गई है। उन्होंने हरियाली को प्रोत्साहन देने के लिए प्राणवायु देवता के साथ-साथ वन मित्र योजना को भी प्रभावी ढंग से आरंभ करने की बात कही।

केंद्रीय मंत्री ने गुरुग्राम की पहचान से जुड़े औद्योगिक प्रगति के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने को भी समय की आवश्यकता बताया। इसके लिए गुरुग्राम में जंगल सफारी, एचएसआईआईडीसी द्वारा 125 एकड़ में न्यूयार्क के सेंट्रल पार्क की तर्ज पर आनंद वन विकसित करने, 500 से 600 एकड़ में डिज्नीलैंड बनाने, सिंगापुर की तर्ज पर डिज्नीलैंड या सेक्टर 29 में बड़ा एक्वेरियम बनाने, एक बड़ा कंवेंशन सेंटर बनाने, डेस्टिनेशन वेंडिंग्स के लिए एक वैंडिंग जोन विकसित करने व बायोडायवॢसटी पार्क को ओर अधिक विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से व्यापक चर्चा कर इन परियोजनाओं को धरातल पर साकार किया जाएगा।

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