- रिसर्च और प्रशिक्षण से पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें – प्राचार्य प्रो. डॉ. पूर्ण प्रभा
- एमओयू से पर्यावरण विज्ञान को नई पहचान मिलेगी – प्राचार्य प्रो. डॉ. पूर्ण प्रभा
Mahendragarh News(आज समाज)महेंद्रगढ़: राजकीय महाविद्यालय महेंद्रगढ़ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत शिक्षा में नवाचार और सामाजिक दायित्व को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य, सुरक्षा तथा स्वच्छता के क्षेत्र में कार्यरत ग्रीन अर्थ ऑर्गेनाइजेशन फॉर एनवायरमेंट हेल्थ सेफ्टी एंड सैनिटेशन, कुरुक्षेत्र के साथ एक औपचारिक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता महाविद्यालय और संस्था के बीच सहयोग की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा और पर्यावरणीय जागरूकता, शोध एवं विकास, शिक्षा और समुदाय सेवा में नई संभावनाएं खोलेगा।
इस समझौते के तहत दोनों संस्थाएं पर्यावरण संरक्षण, कचरा प्रबंधन, स्वास्थ्य व स्वच्छता से संबंधित जागरूकता अभियानों तथा शोध कार्यों में सहयोग करेंगी। कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण, पुनर्चक्रण तथा प्लास्टिक और जैविक अपशिष्ट से जुड़ी समस्याओं पर शोध परियोजनाएं चलायी जाएंगी। महाविद्यालय और ग्रीन अर्थ ऑर्गेनाइजेशन के फैकल्टी सदस्य आपसी विचार-विमर्श कर प्रशिक्षण, कार्यशालाएं और पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए नवीन समाधान विकसित करेंगे। समाज में पर्यावरण संरक्षण की भावना को मजबूत करने के लिए दोनों संस्थाएं मिलकर अभियान चलाएंगी।
व्यावहारिक प्रशिक्षण, इंटर्नशिप और शोध कार्य के अवसर
राजकीय महाविद्यालय में पहली बार पर्यावरण विज्ञान विषय को एक नियमित पाठ्यक्रम के रूप में शुरू किया गया है। इससे विद्यार्थियों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान मिलेगा, बल्कि व्यावहारिक प्रशिक्षण, इंटर्नशिप और शोध कार्य के अवसर भी मिलेंगे। समझौते के तहत पर्यावरण विज्ञान से जुड़े छात्र अध्ययन के दौरान नई परियोजनाओं में भाग लेकर अपने कौशल को विकसित कर सकेंगे। उन्हें प्रशिक्षण, फील्ड वर्क और समाज सेवा में भागीदारी के माध्यम से बेहतर करियर अवसर प्राप्त होंगे।
इस कार्यक्रम में संस्था से डॉ. नरेश भारद्वाज और उनकी सहयोगी डॉ. मोनिका भारद्वाज उपस्थित रहे। महाविद्यालय की ओर से प्राचार्य प्रो. डॉ. पूर्ण प्रभा, उप-प्राचार्य विजय यादव, बोटनी विभाग के अध्यक्ष प्रो. जितेन्द्र कुमार, पर्यावरण अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार, एनसीसी अधिकारी प्रो. डॉ. कैप्टन शमशेर सिंह, डॉ. पविता यादव, विजय पाल, शंकर, रविंद्र, तथा दुलीचन्द ने सहभागिता निभाई। सभी ने इस पहल को पर्यावरण जागरूकता की दिशा में एक सार्थक कदम बताया।
समझौता पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महाविद्यालय का ऐतिहासिक प्रयास
प्राचार्य प्रो. डॉ. पूर्ण प्रभा ने कहा कि यह समझौता पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महाविद्यालय का ऐतिहासिक प्रयास है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे न केवल पढ़ाई में उत्कृष्टता हासिल करें, बल्कि समाज की भलाई में सक्रिय योगदान भी दें।
वहीं, डॉ. नरेश भारद्वाज ने कहा कि ग्रीन अर्थ ऑर्गेनाइजेशन का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को जन आंदोलन बनाना है और इस साझेदारी से मिशन को व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा। डॉ. मोनिका भारद्वाज ने कहा कि विद्यार्थियों को पर्यावरण से जुड़ी वैज्ञानिक जानकारी और जागरूकता प्रदान करना आज की आवश्यकता है और यह सहयोग उस दिशा में बड़ा कदम है।
समझौते के तहत पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे
महाविद्यालय के पीआरओ डॉ. अश्विनी कुमार ने बताया कि आगे चलकर इस समझौते के तहत पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें सेमिनार, कार्यशालाएं, फील्ड विजिट, शोध परियोजनाएं, जल संरक्षण अभियान, प्लास्टिक मुक्त अभियान, वृक्षारोपण कार्यक्रम तथा समुदाय स्तर पर स्वच्छता अभियान शामिल हैं। साथ ही, पर्यावरण विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए प्रमाणपत्र आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम और इंटर्नशिप के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे।
यह सहयोग न केवल महाविद्यालय के छात्रों के लिए उपयोगी होगा, बल्कि समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शिक्षा, शोध और सेवा को एक सूत्र में जोड़ते हुए यह पहल विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाने में मदद करेगी। इससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाया जाएगा।
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