Maa Chandraghanta: आज और कल की जाएगी मां चंद्रघंटा की आराधना

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Maa Chandraghanta: आज और कल की जाएगी मां चंद्रघंटा की आराधना
Maa Chandraghanta: आज और कल की जाएगी मां चंद्रघंटा की आराधना

पंचांग के अनुसार बन रहा अत्यंत दुर्लभ संयोग
Maa Chandraghanta, (आज समाज), नई दिल्ली: शारदीय नवरात्र आरंभ हो चुके है। आज शारदीय नरात्र का तीसरा दिन है। आज का दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है। आज के दिन विधि विधान से पूजा करने पर मां चंद्रघंटा प्रसन्न होती है, लेकिन इस बार मां चंद्रघंटा की पूजा करने के लिए भक्तों को 2 दिन का समय मिलेगा।

पंचांग के अनुसार इस बार 24 और 25 सितंबर दोनों दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने का अवसर मिलेगा। यह संयोग देवी की कृपा पाने और जीवन से भय और संकट दूर करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

संयोग का कारण

2025 में नवरात्रि का तीसरा दिन तृतीया तिथि और चतुर्थी तिथि के संयोग में आ रहा है। तिथि परिवर्तन की स्थिति के कारण श्रद्धालु 24 सितंबर को भी और 25 सितंबर को भी मां चंद्रघंटा की पूजा कर सकेंगे। यह संयोग अत्यंत दुर्लभ माना गया है और इसे शुभ फलदायी भी बताया गया है।

मां चंद्रघंटा की महिमा

मां चंद्रघंटा, मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र के आकार की घंटा सुशोभित है, जिससे इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। यह रूप शौर्य, पराक्रम और शांति का प्रतीक है। मान्यता है कि इनकी पूजा से भय और शत्रुओं का नाश होता है तथा जीवन में साहस और सफलता मिलती है।

पूजा विधि

  • प्रात: स्नान कर स्वच्छ पीले या सुनहरे वस्त्र धारण करें।
  • पूजन स्थल पर मां चंद्रघंटा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • धूप, दीप, पुष्प और अक्षत अर्पित करें।
  • शहद और दूध से बने भोग को मां को अर्पित करना विशेष फलदायी है।
  • ॐ देवी चंद्रघंटायै नम: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
  • पूजन के अंत में आरती कर प्रसाद वितरण करें।

विशेष भोग

  • मां चंद्रघंटा को शहद और दूध का भोग प्रिय है।
  • इसे अर्पित करने से जीवन में मधुरता, सुख और समृद्धि आती है।

पूजा के नियम

  • पूजा में सात्त्विकता और पूर्ण श्रद्धा का पालन करें।
  • पूजा के दौरान क्रोध, अपवित्र विचार और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहें।
  • इस दिन गरीब और जरूरतमंदों को दान देने से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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