
Rewari News(आज समाज नेटवर्क) रेवाड़ी। हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य गणेश कुमार और सुमन राणा ने लोक निर्माण विश्राम गृह में बाल विवाह रोकथाम एवं बाल संरक्षण को लेकर बैठक आयोजित की।
आयोग के सदस्य गणेश कुमार और सुमन राणा ने संबंधित विभागों से उपस्थित प्रतिनिधियों से बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, किशोर न्याय अधिनियम और बच्चों के प्रति होने वाले शोषण की रोकथाम जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की। सदस्यों ने बाल विवाह निषेध प्रतिनिधि व अन्य सभी प्रतिनिधियों को गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। दिए। उन्होंने कहा कि जिले में बाल विवाह रोकथाम को लेकर मैरिज प्लेस, मैरिज ब्यूरो, कार्ड छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस, पंडित, मौलवी इत्यादि सभी संबंधित नागरिकों को जागरूक किया जाए।
सरकारी प्रयासों और सामाजिक संगठनों की मुहिम से लाखों बच्चों को समय से पहले शादी की जंजीरो में जकडऩे से बचाया गया है
आयोग के सदस्य गणेश कुमार ने बताया कि बाल विवाह का आयोजन करना अधिनियम 2006 के अंतर्गत कानूनी अपराध है। यदि कम आयु में विवाह किया जाता है तो यह गैर जमानती अपराध है। ऐसा व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है या बाल विवाह को बढ़ावा देता है, ऐसा कोई भी व्यक्ति है जो उसकी सहायता करता है तो उसे 2 साल तक की सजा व एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। सुमन राणा ने बताया कि बाल विवाह एक कुप्रथा है। यह बच्चों से उसका बचपन छीन लेता है और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षित जीवन से वंचित कर देता है। सरकारी प्रयासों और सामाजिक संगठनों की मुहिम से लाखों बच्चों को समय से पहले शादी की जंजीरो में जकडऩे से बचाया गया है।
महिला एवं बाल विकास की जिला कार्यक्रम अधिकारी शालू यादव ने बताया कि विभाग की सभी सुपरवाईजर, आंगनवाड़ी वर्कर इस विषय पर सर्तकता से कार्य कर रही है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपिका यादव ने बताया कि समाज को जागरूक होते हुए पुजारियों, पुरोहितों, पादरियों और धार्मिक नेताओं, सरपंचों, पंचो, पार्षदों के साथ मिलकर काम करने को आवश्यकता है। इस मौके पर सभी संबंधित विभागों के अधिकारी, बाल कल्याण समिति व जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

